पेट्रोलियम मंत्रालय का मानना है कि GST दायरे में लाए जाने से इस पर लगने वाले कई तरह के कर हट जाएंगे और रेट में कटौती होगी। इसका असर ये होगा कि क्लाइमेट के लिए कम नुकसानदेह ईंधन को प्रोत्साहन मिल सकेगा। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान खुद पेट्रोल ( Petrol ) को भी GST दायरे में लाने की कवायद कर रहे हैं।
देश में GST 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। उस समय पांच जिंसों ( Commodity ) कच्चा तेल ( Crude Oil ), प्राकृतिक गैस ( Natural Gas ), पेट्रोल ( Petrol ), डीजल ( Diesel ) और विमान ईंधन ( ATF ) को इसके दायरे से बाहर रखा गया था।
अब पेट्रोलियम मंत्रालय ने वाहनों, रसोईघरों और इंडस्ट्री में प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए बुकलेट बनाई है। प्राकृतिक गैस पर दूसरे राज्यों में 3 से 20 प्रतिशत के दायरे में वैट लगाया जाता है। मंत्रालय ने कहा कि अगर प्राकृतिक गैस को GST के दायरे में लाया जाए तो इस पर एक समान कर लगेगा।
इसका एक फायदा ये होगा कि GST के अंतर्गत आने के बाद इस पर लगने वाले अन्य टैक्स खत्म हो जाएंगे। जिससे गैस के दाम में कटौती होना तय है, साथ ही बिजनेस की गति को भी रफ्तार मिलेगी। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान पिछले काफी समय से गैस को जीएसटी के दायरे में की सिफारिश कर रहे हैं।
धर्मेन्द्र प्रधान का मानना है कि प्राकृतिक गैस के साथ ही विमानन ईंधन ATF को GST व्यवस्था के तहत लाया जा सकता है। मार्केटिंग उद्योग को प्राकृतिक गैस की खरीदारी पर दिया जाना वाले VAT पर क्रेडिट का दावा करने का लाभ भी नहीं मिलता है। जबकि यह सुविधा वैकल्पिक ईंधनों और कच्चे माल पर उपलब्ध है।