अभी तक महिला श्रमिकों को खनन और निर्माण जैसे क्षेत्रों में काम करने की अनुमति नहीं थी। इसमें केवल पुरुष श्रमिक ही काम कर सकते हैं। मगर नए श्रम कोड के पारित होने के बाद से महिला श्रमिक इन सभी क्षेत्रों में काम कर सकेंगी। इससे उनके कार्य क्षेत्र का विस्तार होगा। इसके अलावा अभी तक देश में असंगठित क्षेत्रों में पुरुषों के मुकाबले महिला श्रमिकों को कम वेतन दिया जाता था, लेकिन नए श्रम कोड से वेतन में होने वाला भेदभाव भी खत्म होगा। अब पुरुष और महिला श्रमिकों को एक समान वेतन देने का प्रावधान होगा। वेतन सीधे योग्य व्यक्ति को मिले इसलिए डिजिटल भुगतान का प्रावधान होगा, इससे घपलेबाजी की आशंका नहीं रहेगी।
5 साल में बढ़ानी होगी मजदूरी
अक्सर श्रमिकों को उनके काम के अनुसार वेतन नहीं मिल पाता है। जिससे उनकी जरूरतें पूरी नहीं हो पाती हैं। जो व्यवस्था वर्षों से चली आ रही है उसी के अनुसार भुगतान किया जाता है। मगर नए श्रम कोड के पारित होने से संगठित और असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों की मजदूरी में हर 5 साल में संशोधन किया जाएगा। इससे हर 5 साल में न्यूनतम मजदूरी में संशोधन जरूरी होगा।
अक्सर श्रमिकों को उनके काम के अनुसार वेतन नहीं मिल पाता है। जिससे उनकी जरूरतें पूरी नहीं हो पाती हैं। जो व्यवस्था वर्षों से चली आ रही है उसी के अनुसार भुगतान किया जाता है। मगर नए श्रम कोड के पारित होने से संगठित और असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों की मजदूरी में हर 5 साल में संशोधन किया जाएगा। इससे हर 5 साल में न्यूनतम मजदूरी में संशोधन जरूरी होगा।