फाइनेंस

जेट एयरवेज को नहीं मिल रहे खरीदार, EoI के लिए 3 अगस्त से बढ़ सकती है डेडलाइन

केवल चार ही निवेशकों ने जेट एयरवेज में दिखाई रुचि।
एसबीआई ने 10 करोड़ रुपये कां अंतरिम फंड दिया।
कर्मचारियों को मिल सकता है एक माह का वेतन।

Aug 02, 2019 / 03:14 pm

Ashutosh Verma

नई दिल्ली। करीब तीन महीने परिचालन बंद होने के बाद अब उधारकर्ताओं ने जेट एयरवेज के खरीदारों के लिए समयावधि बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं। उधारकर्ताओं के पास फिलहाल केवल चार ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) पहुंच हैं।

जुलाई माह के अंत में रिजॉल्युशन प्रोफेशल आशीष छाछरिया ने जेट एयरवेज के संभावित खरीदारों से EoI मांगा था। सभी खरीदारों को EoI जमा करने की अंतिम तारीख 3 अगस्त 2019 तय की गई थी।

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एसबीआई ने 10 करोड़ रुपये का अंतरिम फंड दिया

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कुछ बैंकों EoI की अंतिम तारीख बढ़ाने पर विचार किया है। अभी तक केवल चार निवेशकों ने ही जेट एयरेवज में रुचि दिखाई है। इसी बीच जेट एयरवेज को कर्ज देने वाला सबसे प्रमुख बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने एयरलाइन को 10 करोड़ रुपये का अंतरिम फंड मुहैया कराया है। अन्य बैंक भी इसकी मंजूरी देने पर काम कर रहे हैं।

इन बातों पर भी चर्चा

सभी उधारकर्ताओं ने इस बात पर भी विचार किया है कि बिडिंग के लिए किन मापदंडों को ध्यान में रखा जायेगा। वहीं, जेट एयरवेज के कर्मचारियों को एक माह का वेतन जारी करने पर भी विचार किया गया। एनएसएलटी ने बैंकों से इस पर भी विचार करने की सलाह दी थी। गत 23 जुलाई को एनसीएलटी जज वीपी सिंह और दुरईसमी ने छाछरिया से कर्मचारियों के वेतन की चिंता जाहिर की थी।

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रिजेक्ट हुआ नरेश गोयल का क्लेम

ट्रिब्युनल ने कहा है कि यदि 100 फीसदी सैलरी नहीं दी जा सकती तो कुछ फीसदी ही दी जाये ताकि कर्मचारियों के जीवनयापन में बाधा न आये। बता दें कि एयरलाइन की कमान लेंडर्स के हाथों ही ही है जिसमें उनकी 51 फीसदी हिस्सेदारी है। जुलाई के शुरुआत में ही रिजॉल्युशन प्रोफेशनल को 25,500 करोड़ रुपये क्लेम मिला था, जिसमें 200 करोड़ रुपये का क्लेम नरेश गोयल की तरफ से था। इस क्लेम को होल्डिंग कंपनी जेटएयर द्वारा भेजा गया। बाद में इसे रिजेक्ट भी कर दिया गया।

इन बैंकों ने भी किया क्लेम

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी 1,644 करोड़ रुपये का दावा किया था, जिसमें ब्याज, टर्म लोन और कैश क्रेडिट था। यस बैंक ने 1,084 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक 963 करोड़ रुपये, और आईडीबीआई बैंक ने 594 करोड़ रुपये का दावा किया था। कर्मचारियों व वर्कमेन को छोड़कर ऑपरेशनल क्रेडिटर्स ने भी 12,372 करोड़ रुपये का दावा किया था। अभी इस रकम के वेरिफायई किया जा रहा है। वर्कमेन और कर्मचारियों की तरफ से 443 करोड़ रुपये का दावा किया गया था।

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