मध्यम वर्ग, खपत और विकास को प्रोत्साहित करनेवाला बजट
इस संदर्भ में महिंद्रा म्यूचुअल फंड के प्रबंध निदेशक और सीईओ आशुतोष बिश्नोई का कहना है कि, ‘अगर हम बात कुछ चुनिंदा और बड़े लैंडमार्क सुधारों की करें, जिसने कई उद्यमियों और प्रभावी समूहों को तात्कालिक तौर पर प्रभावित किया है तो इस बजट में मध्यम वर्ग की खपत और ग्रामीण आय को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। मैं इसे विकासोन्मुखी बजट कहना चाहता हूं। इस वर्ष जीडीपी दर में 8 फीसदी से अधिक की उछाल को देखते हुए मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा। यह कृषि से संबंधित, खपत से संबंधित और आवास / रियल इस्टेट क्षेत्रों के भविष्य को अच्छी तरह से दर्शाता है, और ये सभी व्यापक बाजार के बाजार पूंजीकरण में ज्यादा योगदान करेंगे, जिसका नेतृत्व शुरू में बड़ी कंपनियों से होगा। हमारा मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले लॉर्ज कैप वाले सूचकांक संभवित रूप से नई ऊंचाई को छुएंगे।’
FICCI ने सरकार के बजट को बताया अच्छा
आपको बता दें कि वित्त मंत्री ने 250 करोड़ रुपए तक के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 25 फीसदी कर दिया है। इससे 99 फीसदी कंपनियों को फायदा होगा, क्योंकि ज्यादातर कंपनियां कम टर्नओवर वाली हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि इससे सरकारी खजाने में सालाना 7,000 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा। बाकी कंपनियों को 30 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स के स्लैब में रखा जाएगा। उद्योग चैंबर फिक्की (FICCI) ने सरकार के इस बजट को अच्छा बताया है।
क्या कहना है CII का ?
सीआईआई (CII) के महानिदेशक का मानना है कि जीएसटी (GST) के चलते लघु उद्योग पर बड़ा बुरा प्रभाव अब खत्म हो चुका है। यहां तक कि मध्यम स्केल इंडस्ट्री भी अब जीएसटी की मार से उबर चुकी है। उद्योग जगत जीएसटी की जटिलता को लेकर सामने आई मुश्किलों को स्वीकार कर रहा है। उसे लगता है कि जीएसटी काउंसिल की एक के बाद एक होने वाली बैठकों में इसका समाधान लगातार निकल रहा है जिससे उद्योग जगत स्थिर हो रहा है। बजट को लेकर सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रकांत बनर्जी ने कहा था कि सरकार से उम्मीद है कि वह कॉरपोरेट टैक्स को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी के नीचे रखेंगे।
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