BAD BANK का काम बैड लोन से निपटना होगा। और भारतीय बैंक एक बैड बैंक बनाने की शुरुआती प्रक्रिया में हैं। आपको बता दें कि बैड बैंक बनाने का विचार पिछले कई सालों से चल रहा है लेकिन पॉलिसी मेकर्स के बीच एक राय न होने की वजह से ऐसा नहीं हो सका । कुमार ने कहा कि बैड बैंक का आइडिया तीन साल पहले तक मुमकिन नहीं था। उन्होंने कहा कि पहले प्रोविजंस अपर्याप्त था। आज पर्याप्त प्रोविजनिंग की जाती है। और नेट बुक वैल्यू ग्रॉस NPA का बमुश्किल 10-15 फीसदी है।
SBI की तरफ से बैड बैंक बनाने से संबंधित बयान ऐसे टाइम पर आया है जब अर्थव्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है । देश में पिछले 40 दिनों से आर्थिक गतिविधियों पर रोक लगाई जा चुकी है। ऐसे में आने वाले वक्त में बैंकों पर एनपीए का बोझ बढ़ने वाला है । कुमार ने कहा कि बैड बैंक का आइडिया तीन साल पहले तक मुमकिन नहीं था। उन्होंने कहा कि पहले प्रोविजंस अपर्याप्त था। आज पर्याप्त प्रोविजनिंग की जाती है। और नेट बुक वैल्यू ग्रॉस NPA का बमुश्किल 10-15 फीसदी है। लेकिन फिर भी माना जा रहा है कि ऐसे हालात में बैड बैंक का स्ट्रकचर अर्थव्यवस्था के लिए सहायक हो सकता है।