गर्ल चाइल्ड के साथ भेदभाव खत्म करने के मकसद से दिल्ली सरकार ने साल 2008 में इस योजना की शुरूआत की थी। लाडली (Ladli) योजना के तहत बच्चियों को कुल 35 से 36 हजार रुपए की सरकारी मदद दी जाती है, जो बच्ची के 18 साल का होने तक बैंक में जमा होती रहती है। इस योजना को शुरू करने के पीछे एक और वजह रही है, वो है बच्चियों की शिक्षा को बढ़ावा देना। इस योजना के अंतर्गत उनके जन्म के बाद पंजीकरण कराने का ट्रेंड बढ़ाया गया।
लाडली (Ladli) योजना के तहत सबसे पहली मदद उसके जन्म के समय मिलती है। जिन लड़कियों का अस्पताल में जन्म होता है उस वक्त उन्हें 11 हजार रुपए दिए जाते हैं। यदि कोई लड़की घर या किसी अन्य इलाके के अस्पताल में पैदा होती है तो वह Ladli के तहत 10,000 रु का लाभ पाने के योग्य है। इसके बाद बच्ची के पहली कक्षा में दाखिले पर 5000, छठी, नौंवी, दसवीं और फिर 12वीं कक्षा में जाने पर 5—5 हजार रुपए दिए जाते हैं।
लाडली योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को दिल्ली का निवासी होना जरूरी है। इसके अलावा बच्ची के परिवार की सालाना आय 1 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस योजना का लाभ एक परिवार में दो लड़कियों के जन्म पर ही मिल सकता है। बच्ची जिस स्कूल में पढ़ती है उसे दिल्ली सरकार की मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। आवेदन करने के दौरान बच्ची के माता—पिता को दिल्ली में तीन साल से रहने का प्रमाण (राशन कार्ड, बिजली/पानी के बिल आदि), आय प्रमाण पत्र, बालिका का जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) बच्ची के परिवार की तस्वीर, आवेदक का जाति प्रमाण पत्र (अनुसूचित जाति/जनजाति के मामले में) और आधार कार्ड की जरूरत होगी।
लाडली योजना के तहत आवेदन करने के लिए आप भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा सरकारी या मान्यता प्राप्त स्कूल एवं दिल्ली सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग के कार्यालय से भी संपर्क करके विस्तृत जानकारी हासिल कर सकते हैं।
अगर बच्ची ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है तो स्कूल में एडमिशन के 90 दिन के अंदर आवेदन करना जरूरी है। अगर बच्ची का अभी जन्म हुआ है तो एक साल के अंदर लाडली (Ladli) योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। बच्ची के 18 साल के होने तक उसके बैंक अकाउंट में जमा रकम का प्रबंधन SBI लाइफ इंश्योरेंस कंपनी करती है। 18 साल पूरे होने एवं 10वीं की परीक्षा पास कर लेने या 12 वीं कक्षा में एडमिशन के वक्त इस रकम को निकाला जा सकता है।