टर्म इंश्योरेंस नहीं खरीदते
पॉलिसी लेने समय लोग एक बहुत बड़ी गलती करते है, वे टर्म इंश्योरेंस नहीं खरीदते है। ज्यादातर लोगों को नहीं पता कि टर्म प्लान का बुनियादी लक्ष्य वित्तीय स्थिरता को प्रभावित किए बगैर आर्थिक निरंतरता में सहायता करना है। अकसर लोग अपने पैसे में बढ़ोत्तरी पर ज्यादा ध्यान देते है। आमतौर पर निवेश बच्चों की शिक्षा, रिटायरमेंट इत्यादि जैसे लक्ष्यों से जुड़ा होता है।
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क्रिटिकल जानकारी छुपाना
कुछ लोग पॉलिटी लेते समय अपनी क्रिटिकल जानकारियां नहीं बताते है। यदि किसी को कोई बीमारी या मेडिकल प्रॉब्लम के बारे में खुलकर बताना चाहिए। कुछ लोग अपने परिवार की मेडिकल हिस्ट्री छुपाते हैं। लेकिन बाद में इन सब की वजह से क्लेम के दौरान दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। बाद में क्लेम के लिए कंपनी के चक्कर काटने पड़ते है। गलत जानकारी के आधार पर क्लेम रद्द भी हो सकता है।
छोटी अवधि की पॉलिसी लेने से बचे
बहुत से लोग कम प्रीमियम के चक्कर में छोटी अवधि की पॉलिसी खरीद लेते है। वो यह नहीं देखते कि प्रीमियम कम होने की वजह छोटी अवधि होने के साथ-साथ लाइफ रिस्क का कम होना भी होता है। हमेश पॉलिसी लंबे समय के लिए खरीदना चाहिए। जब तक पने परिवार की सभी अर्थिक जरूरतों को पूरा नहीं कर दे। बच्चों की पढ़ाई, शादी आदि पूरी होने से पहले कुछ हो जाता है तो इंश्योरेंस की रकम ही इनके काम आएगी।
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इंश्योरेंस की जानकारियां परिवार छुपाना
कुछ लोग जीवन बीमा पॉलिसी खरीद लेते है, लेकिन इसके बारे में अपने परिवार को नहीं बता दे है। इस तरह की गलतियों की वजह से इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम को खारिज कर देती हैं। इससे पॉलिसी को खरीदने का पूरा मकसद बेकार चला जाता है। इंश्योरेंस लेते ताकि परिवार को वित्तीय सुरक्षा मिल सके, लेकिन परिवार को ही इसके बारे में पता नहीं है। ऐसे में पॉलिसी खरीदने का कोई मतलब नहीं है। जानकारी के अभाव में इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम को खारिज कर देती हैं।