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बैंकों का ग्राॅस एनपीए घटा
सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष के बजट की तैयारियों से पहले सरकारी एवं निजी बैंक प्रमुखों के साथ बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकारी बैंकों की वित्तीय सेहत सुधरी है। उनका मार्च 2018 में ग्राॅस एनपीए 8.96 लाख करोड़ रुपए था, जो इस वर्ष सितंबर में घटकर 7.27 लाख करोड़ रुपए पर आ गया। उनका प्रावधान का अनुपात सात वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और बैंक मुनाफा कमाने लगे हैं।
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13 बैंकों को प्रोफिट
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 13 बैंकों ने लाभ अर्जित किया है। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में बैंकों ने 4.53 लाख करोड़ रुपए वूसले हैं। एस्सार की रिजलुशन प्रक्रिया से बैंकों को 38,896 करोड़ रुपए मिले हैं। वर्ष 2018-19 और चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में एस्सार मामले को छोड़कर बैंकों ने 2.08 लाख करोड़ रुपए रिकवर किए हैं।
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तीन तिमाहियों में चार और बैंकों की स्थिति में होगा सुधार
इस अवसर पर वित्त एवं वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि चार सरकारी बैंक अभी भी रिजर्व बैंक के पीसीए लिस्ट में है और उम्मीद है कि अगली तीन तिमाहियों में ये बैंक पीसीए से बाहर आने की स्थिति में होंगे तब रिजर्व बैंक इस पर विचार करेगा। बैंकों के विलय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उचित समय पर यह निर्णय लिया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय का उदारहण देते हुये कहा कि इससे उसका प्रदर्शन बेहतर हुआ है।