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सीतारमण ने कहा कि राजकोष में आने वाली इस कमी को पूरा करने के लिए खर्च में कटौती करने की सरकार की कोई योजना नहीं है। वित्तमंत्री ने इससे पहले कहा था कि विकास को रफ्तार देने के मकसद से पूंजी प्रवाह बढ़ाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित मंत्रालयों से खर्च का बोझ कम करने को कहा गया है। सीतारमण ने अब कहा है कि सरकार 2020-21 के बजट के आसपास ही राजकोषीय घाटा लक्ष्य की समीक्षा करेगी।
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उन्होंने यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, “इस समय हम किसी लक्ष्य में संशोधन नहीं करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समय खर्च में कटौती करने की भी कोई योजना नहीं है। सीतारमण ने कहा कि कॉरपोरेट कर की दर में कटौती करने का कदम एक आकलनपरक जोखिम है और उन्होंने अब तक इस वित्त वर्ष के लिए राजस्व व खर्च लक्ष्य में कोई संशोधन नहीं किया है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए बाजार से अतिरिक्त उधारी पर भी बाद में फैसला लेंगी।