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स्टांप शुल्क मूल्य में विसंगति पर निराशा
अभी भी कई बैंक शाखाएं बिना तैयारी के हैं और उनके पास समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों का अभाव है, जबकि ग्राहकों को वहां जाने और इन्हें अपडेट करने के लिए सूचित किया गया है। ग्राहकों ने एक ही राज्य की शाखाओं के बीच स्टांप शुल्क मूल्य में विसंगति पर निराशा व्यक्त की है। जहां कुछ सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक शाखाएं 100 रुपए का स्टांप शुल्क स्वीकार करती हैं, वहीं कुछ प्राइवेट बैंक शाखाएं 500 रुपए के स्टांप पेपर पर जोर दे रही हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई को दिया था आदेश
2021 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, आरबीआई ने बैंकों को जनवरी 2023 तक ग्राहकों से नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया। बाद में आरबीआई ने भारतीय बैंक संघ की ओर से तैयार किए गए मॉडल समझौते में संशोधन के लिए समय-सीमा को बढ़ा दिया था। बैंक अपनी देनदारी को वार्षिक लॉकर किराए के 100 गुना तक सीमित करते हुए आग, चोरी और इमारत ढहने से बचाते हैं। निर्देश में कहा गया था कि 50 फीसदी लॉकर किराएदारों को जून 2023 के अंत तक अद्यतन समझौते पर हस्ताक्षर करना है, जिन ग्राहकों ने पहले समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, उन्हें अपने मौजूदा समझौतों के पूरक पर हस्ताक्षर करना होगा।
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ग्राहकों से लागत वहन कर रहे है बैंक
अधिकांश बैंक ग्राहकों से लागत वहन कर रहे हैं। हालांकि, एसबीआई ने कहा कि वह पूरक समझौते के लिए दस्तावेजीकरण खर्चों को कवर करेगा। कई बैंक ग्राहकों को 100 से 500 रुपए का स्टांप पेपर उपलब्ध करवा रहे है। स्टांप पेपर के अतिरिक्त मूल्य के अलावा, कई बैंक ग्राहकों से 500 रुपए का अतिरिक्त शुल्क भी ले रहे है।