ग्लोबल अलायंस फॉर मास इंटरप्रेन्योरशिप और क्रेया यूनिवर्सिटी की लीड संस्था (नॉन प्रॉफिट रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन) के सहयोग से हुए सर्वे में पता चला कि कोरोना काल में महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे करीब 43% इंटरप्राइजेस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इस दौरान उन्हें हर महीने 10,000 से भी कम का फायदा हुआ है। चूंकि महिलाओं की ओर से बनाए गए उत्पाद पर पहले से ही बहुत कम मार्जिन के साथ बाजार में बेचा जाता है। ऐसे में लॉकडाउन में हुई कम बिक्री से उनका प्रोफिट बहुत कम हो गया है। कई की तो हालत ऐसी है कि उनका लागत निकल पाना भी काफी मुश्किल है।
संस्था की ओर से सर्वे की शुरुआत मई 2020 में की गई थी। इसमें उन्होंने जुलाई से अगस्त के बीच लगभग 1,800 उद्योगों के डाटा का अध्ययन किया। इसमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान को शामिल किया गया। ये सर्वे जनवरी 2021 तक जारी रखा जाएगा जिससे स्थिति और ज्यादा स्पष्ट हो सके।
खुद की जुटाई रकम को लगाया
सर्वे में यह भी पता चला कि बिक्री प्रभावित होने से छोटे उद्योगों को चलाना मुश्किल हो गया। ऐसे में दो तिहाई महिलाओं ने बिजनेस को जारी रखने के लिए अपनी बचत की हुई धनराशि का उपयोग किया। महिलाओं का मानना था कि खर्च के बढ़ने और कर्मचारियों को सैलरी देने के चलते उन्हें ये कदम उठाना पड़ा।
सर्वे में यह भी पता चला कि बिक्री प्रभावित होने से छोटे उद्योगों को चलाना मुश्किल हो गया। ऐसे में दो तिहाई महिलाओं ने बिजनेस को जारी रखने के लिए अपनी बचत की हुई धनराशि का उपयोग किया। महिलाओं का मानना था कि खर्च के बढ़ने और कर्मचारियों को सैलरी देने के चलते उन्हें ये कदम उठाना पड़ा।
बिना सहयोग के खुद चलाती हैं बिजनेस
महिलाओं को स्वरोजगार के लिए बढ़ावा देने के लिए वैसे तो सरकार कई तरह की स्कीम्स चलाती है। जिसके तहत उन्हें उचित दर पर लोन एवं अन्य आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। इसके अलावा दूसरी कई संस्थाएं भी निजी तौर पर इसमें मदद करती है। मगर करीब 40% उद्योग महिलाएं बिना किसी के सहयोग से खुद ही संचालित करती हैं, वहीं 18% पुरुष इस तरह के उद्योग चलाते हैं।
महिलाओं को स्वरोजगार के लिए बढ़ावा देने के लिए वैसे तो सरकार कई तरह की स्कीम्स चलाती है। जिसके तहत उन्हें उचित दर पर लोन एवं अन्य आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। इसके अलावा दूसरी कई संस्थाएं भी निजी तौर पर इसमें मदद करती है। मगर करीब 40% उद्योग महिलाएं बिना किसी के सहयोग से खुद ही संचालित करती हैं, वहीं 18% पुरुष इस तरह के उद्योग चलाते हैं।