कैसी है प्रॉपर्टी: दरअसल, समय-समय पर बैंक डिफॉल्टर की प्रॉपर्टी को नीलाम करते हैं। ये वो डिफॉल्टर होते हैं जो लोन की रकम का भुगतान करने से चूक जाते हैं। बैंक को तमाम प्रयास के बावजूद लोन का बकाया नहीं मिल पाता है। ऐसे में बैंक की ओर से नीलामी का रास्ता अपनाया जाता है। बैंक प्रॉपर्टी को नीलाम कर अपने बकाये की वसूली करते हैं।