ऐसे कमर्चारी अस्थायी रूप से कार्य करते हैं। इनमें उबर, ओला, स्विगी और जोमोटो जैसे विभिन्न ई-कॉमर्स व्यवसायों से जुड़े कर्मचारी शामिल होते हैं। इन्हें काम के आधार पर भुगतान किया जाता है। इसलिए इन्हें बीमा या भविष्य निधि आदि से जुड़े लाभ नहीं मिलते हैं।
मजदूरी संहिता अधिनियम 2019 के जरिए दैनिक आधार पर न्यूनतम मजदूरी तय करने का फॉर्मूला बनाया गया था। इसमें पति, पत्नी और उनके दो बच्चों को एक श्रमिक परिवार का मानक माना गया था। इसमें प्रतिदिन एक सदस्य पर के खाने-पीने एवं अन्य जरूरतों को शामिल किया गया था। इसमें बच्चों की शिक्षा का खर्च, चिकित्सा पर होने वाला व्यय एवं आकस्मिक व्यय को भी जोड़ा गया था। इन सब के आधार पर न्यूनतम मजदूरी और वेतन की गणना का हिसाब तय किया गया था। ये हर राज्यों के अनुसर अलग-अलग हो सकते हैं।