आज से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान देशभर में सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन का भी मुद्दा उठ सकता है। हालांकि सरकार संसद में किसी भी मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। फिलहाल सरकार का पूरा फोकस बजट पर लगा होगा। आगामी बजट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के करियर के लिए सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है।
अर्थव्यवस्था इस समय बुरे दौर से गुजर रही है इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 4.5 फीसदी के स्तर पर आ गई। कंज्यूमर कॉन्फिडेंस 2014 के बाद सबसे निचले स्तर पर है। देश में श्रम बाजार की स्थिति की ठीक नहीं है। जिस वजह से बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी पर पहुंच गई है। जबकि पिछले साल भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था में शामिल था।