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यह मिली बड़ी राहत
जानकारी के अनुसार इस सर्कूलर में टीडीएस डिफॉल्ट को लेकर प्रोसेसिंग और प्रोसीक्यूशन की समय सीमा नए सिरे से तय हुई है। सर्कूलर के अनुसार अगर कोई टैक्सपेयर्स 25 या इससे कम रुपए का टीडीएस 60 दिन के अंदर जमा करा देता है तो उस किसी तरह की कोई कार्रवाई नही की जाएगी। वहीं जो टैक्सपेयर्स बार बार टीडीएस समय पर नहीं जमा कराता है तो उसके खिलाफ कोलेजियम की सिफारिश पर मुकदमा चलाया जा सकता है। इस कोलेजियम में सीनियर रैंक के दो अधिकारियों की मंजूरी जरूरी होगी। यह सर्कुलर 9 सितंबर से लागू हो गय है और प्रभाव में आ गया है। वहीं जो मामले कानूनी कार्रवाई के तहत पेंडिंग चल रहे हैं वो भी इस नए सर्कूलर के दायरे में आ जाएंगे।
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सर्कूलर के तहत यह हुआ बदलाव
सर्कूलर के तहत 25 लाख रुपए तक का टैक्स नहीं जमा करने या तय समयसीमा निकलने के बाद 60 दिनों के अंदर टीडीएस जमा ना करने वालों के खिलाफ सेक्शन 276बी के तहत तीन माह से लेकर 6 साल तक कठिन कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं अगर कोई इनकम टैक्स रिटर्न के समय 25 लाख रुपए तक की आय या आय पर 25 लाख रुपए तक के टैक्स की जानकारी नहीं देता है तो उसके खिलाफ कोलेजियम की सिफारिश के बाद ही सेक्शन 276सी(1) के तहत वही सजा होगी जो पहले वाले को दी गई है। इसके अलावा टैक्स ना जमा कराने के खिलाफ सेक्शन 276 सीसी के तहत 3 माह से लेकर 7 साल की सजा और जुर्माने की सजा का है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी की वकालत
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण टैक्स से जुड़े मामलों को आसान बनाने के बारे में कई बार कह चुकी हैं। उन्होंने पिछले माह ट्वीट में कहा था कि राजस्व सचिव से ईमानदार टैक्सपेयर्स के लिए राहतभरे नियम बनाने को कहा है। इसके अलावा उन्होंने मामूली या प्रक्रियात्मक उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई ना करने की बात भी कही है। ज्ञात हो कुछ दिन पहले प्रोड्यूसर फिरोज नाडियावाला को 8.56 लाख रुपए का टीडीएस ना जमा कराने पर मुंबई की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने तीन महीने के कठिन कारावास की सजा सुनाई थी।