क्या है अटल पेंशन योजना (APY)
यह केंद्र सरकार की एक सोशल सिक्योरिटी स्कीम है। इसमें 1 से 5 हजार तक की मंथली पेंशन ली जा सकती है। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले जैसे-श्रमिक, डेली वर्कर्स, प्राइवेट जॉब करने वाले आदि लोगों के लिए ये एक लाभकारी योजना है। इस सरकारी योजना की सबसे खास बात यह है कि जितनी जल्दी इस योजना में निवेश किया जाएगा, उतना ही फंड ज्यादा जमा होगा।
यह केंद्र सरकार की एक सोशल सिक्योरिटी स्कीम है। इसमें 1 से 5 हजार तक की मंथली पेंशन ली जा सकती है। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले जैसे-श्रमिक, डेली वर्कर्स, प्राइवेट जॉब करने वाले आदि लोगों के लिए ये एक लाभकारी योजना है। इस सरकारी योजना की सबसे खास बात यह है कि जितनी जल्दी इस योजना में निवेश किया जाएगा, उतना ही फंड ज्यादा जमा होगा।
स्कीम के फायदे
1.अटल पेंशन योजना में सिर्फ 42 रुपए से भी निवेश कर सकते हैं। इसमें अंशधारक की उम्र 18 साल होनी जरूरी है। अगर आप प्रति माह 42 रुपए जमा करते हैं तो 60 साल की उम्र में 1 हजार रुपए प्रति माह पेंशन मिलेगी।
2.जो लोग 5 हजार रुपए मासिक पेंशन चाहते हैं उन्हें हर महीने 210 रुपए जमा करना होगा। पेंशन आपको 60 की उम्र के बाद से मिलेगी।
3.योजना के तहत अगर 60 साल से पहले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी योजना में पैसे जमा करना जारी रख सकती है और 60 साल के बाद हर महीने पेंशन पा सकती है।
4.अगर पत्नी रुपए नहीं जमा करना चाहती है तो वह अभी तक जमा हुए एकमुश्त रकम को पाने का क्लेम कर सकती हैं।
5.इस योजना में एक विकल्प और होता है उसके तहत अगर अशंधारक की पत्नी की भी मृत्यु हो जाती है तो स्कीम का पैसा नॉमिनी को मिलेगा।
1.अटल पेंशन योजना में सिर्फ 42 रुपए से भी निवेश कर सकते हैं। इसमें अंशधारक की उम्र 18 साल होनी जरूरी है। अगर आप प्रति माह 42 रुपए जमा करते हैं तो 60 साल की उम्र में 1 हजार रुपए प्रति माह पेंशन मिलेगी।
2.जो लोग 5 हजार रुपए मासिक पेंशन चाहते हैं उन्हें हर महीने 210 रुपए जमा करना होगा। पेंशन आपको 60 की उम्र के बाद से मिलेगी।
3.योजना के तहत अगर 60 साल से पहले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी योजना में पैसे जमा करना जारी रख सकती है और 60 साल के बाद हर महीने पेंशन पा सकती है।
4.अगर पत्नी रुपए नहीं जमा करना चाहती है तो वह अभी तक जमा हुए एकमुश्त रकम को पाने का क्लेम कर सकती हैं।
5.इस योजना में एक विकल्प और होता है उसके तहत अगर अशंधारक की पत्नी की भी मृत्यु हो जाती है तो स्कीम का पैसा नॉमिनी को मिलेगा।