फाइनेंस

10 सरकारी बैंकों के मर्जर के बाद ग्राहकों पर पड़ेगा खास असर, अकाउंट नंबर से लेकर चेकबुक तक बदल जाएगा सबकुछ

सीतारमण के ऐलान के बाद देश में सिर्फ 12 सरकारी बैंक रह जाएंगे
10 सरकारी बैंकों का होगा विलय

Aug 31, 2019 / 12:09 pm

Shivani Sharma

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के 10 सरकारी बैंकों के मर्जर की घोषणा की है। सीतारमण के इस ऐलान के बाद देश में सिर्फ 12 सरकारी बैंक रह जाएंगे। बैंकों के मर्जर का सबसे ज्यादा असर खाताधारकों पर होगा। इससे पहले भी सरकार स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का विलय कर चुकी है। इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि आने वाले 5 साल में देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए यह कदम उठाना काफी जरुरी था। आइए, आपको बताते हैं कि बैंकों के विलय का आप पर क्या असर पड़ सकता है।


इन बैंकों का होगा मर्जर

किस बैंक में होगा मर्जर
किन बैंकों का होगा मर्जर
पंजाब नैशनल बैंक ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया
केनरा बैंक सिंडिकेट बैंक
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक
इंडियन बैंक इलाहाबाद बैंक

ये भी पढ़ें: सीतारमण ने गिनाई बैंकों की उपलब्धियां, कहा – बैंकों का फंसा कर्ज गिरकर 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया


1. चेकबुक में होगा बदलाव

बैंकों का मर्जर होने के बाद ग्राहकों पर सीधा असर पड़ता है। अगर आपका भी इन 10 बैंकों में से किसी में भी खाता है तो आपकी चेकबुक में बदलाव होगा। बैंकों के मर्जर के बाद आपको बैंक की ओर से नई चेकबुक दी जाएगी। हालांकि कुछ समय के लिए पुरानी चेकबुक भी मान्य रहेगी, लेकिन आपको बाद में बैंक में जाकर अपनी चेकबुक को बदलना पड़ेगा।


2. अकाउंट नंबर में होगा बदलाव

आपको बता दें कि बैंकों के मर्जर के बाद ग्राहकों के अकाउंट नंबर में बदलाव होगा, जिसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा। इसके अलावा ग्राहकों को बैंक की ओर से नई कस्टमर आई भी मिल सकती है। इसके लिए आपको बैंक में अपना मोबाइल नंबर अपडेट कराना होगा। अगर आपका मोबाइल नंबर अपडेट होगा तो आपको बैंक की ओर से सारी जानकारी मिल जाएगी। इसके साथ ही आपके सभी खाते एक आईडी के साथ टैग हो जाएंगे। जैसे अगर आपका खाता केनरा बैंक में भी है और सिंडिकेट बैंक में भी तो मर्जर के बाद बैंक की ओर से उन दोनों खातों की एक आईडी दे दी जाएगी।


ये भी पढ़ें: PNB सहित देश के इन 10 बैंकों का होगा विलय, वित्त मंत्री ने किए बड़े ऐलान


3. भरना होगा नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म

इस विलय के बाद ग्राहकों को आयकर विभाग, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) और दूसरी सरकारी योजनाओं में अपडेट करानी होंगी। जिन ग्राहकों की SIP या लोन ईएमआई चल रही है, उन्हें नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है।


4. नहीं बदलेगी ब्याज दर

फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा। जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, वह स्थिर रहेगी और कोई बदलाव नहीं होगा। विलय के बाद कुछ शाखाएं बंद होंगी, जिसके लिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ेगा।

5. इसके साथ ही बैंक की कुछ ब्रांच बंद हो सकती हैं और कस्टमर्स को नई ब्रांच में जाना पड़ सकता है, लेकिन ऐसा होना जरुरी नहीं है। ये सरकार पर निर्भर करता है कि वह किसी ब्रांच को बंद करना चाहती है।

Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार,फाइनेंस,इंडस्‍ट्री,अर्थव्‍यवस्‍था,कॉर्पोरेट,म्‍युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App

Hindi News / Business / Finance / 10 सरकारी बैंकों के मर्जर के बाद ग्राहकों पर पड़ेगा खास असर, अकाउंट नंबर से लेकर चेकबुक तक बदल जाएगा सबकुछ

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.