वाहन क्षेत्र को हैं काफी उम्मीदें
सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि हम वाहन क्षेत्र की मांग को लेकर गंभीर हैं और सरकार पहले ही कुछ प्रोत्साहन उन्हें दे चुकी है। वाहनों की बिक्री और रोजमर्रा से जुड़े कंपनियों को उम्मीद है कि त्योहारों के दौरान बिक्री में इजाफा देखने को मिल सकता है। सीतारमण ने कहा, जीडीपी में गिरावट को विकास के चक्र का हिस्सा है। सरकार उन उपायों पर गौर कर रही है, जिनसे अगली तिमाहियों में विकास दर बढ़ाई जा सकती है।
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कम हो सकती है जीएसटी दर
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स की इस बैठक में ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी जीएसटी में राहत मिल सकती है। सरकार की ओर से हर महीने आयोजित की जाने वाली बैठक से देश के कारोबारियों को काफी उम्मीदें होती हैं। इस बार भी सरकार ऑटोमोबाइल सेक्टर के लोगों को बड़ी राहत देने के बारे में विचार कर रही है। इसके अलावा सरकार इस बार हेल्थकेयर सेक्टर के लिए भी कई बड़े ऐलान कर सकती है।
19 सालों की सबसे बड़ी मंदी
आपको बता दें कि जुलाई माह में ऑटोमोबाइल सेक्टर में पिछले 19 सालों में सबसे अधिक मंदी देखने को मिली है, जिसके बाद इस सेक्टर में कई लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोने पड़े। दुपहिया वाहन हों या पैसेंजर कार इनका उत्पादन और बिक्री दोनों के ग्राफ में भारी गिरावट देखने को मिली है। कुछ ऑटोमोबाइल पर मौजूदा 28 फीसदी जीएसटी दर को कम करने की सेक्टर की मांग है।
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36वीं बैठक में मिली थी ये राहत
जीएसटी काउंसिल की 36वीं बैठक में सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन पर बड़ा फैसला लिया था। वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा था कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर से जीएसटी दर 5 फीसदी लगेगी। वहीं इलेक्ट्रिक चार्जर पर भी जीएसटी दरों में कमी की गई थी। इसके साथ ही सरकार ने सभी नई दरें अगस्त से लागू कर दी थी। बता दें कि बजट 2019 में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रमोट करने की बात भी कही थी।