वरूथिनी एकादशी व्रत पूजा विधि
वरूथिनी एकादशी के दिन भगवान मधुसूदन और विष्णु के वराह अवतार की पूजा की जाती है। इस एकादशी का व्रत रखने के लिए एक दिन पहले ही संकल्प लेकर कुछ नियमों का पालन दृड़ता पूर्वक करने का संकल्प लें। दशमी तिथि के दिन संभव हो तो केवल एक ही समय सात्विक भोजन करें। एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु के वराह अवतार का षोडशोपचार विधि से पूजा अर्चना करें। रात में भगवान के नाम भजन कीर्तन करते हुए जागरण करना चाहिए।
व्रती इन नियमों का पालन करें
1- इस दिन कांसे के बर्तन में भूलकर भी भोजन नही करना चाहिए।
2- मांस मदिरा, मसूर की दाल, चने व कोदों की सब्जी एवं शहद का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
3- भूमि शयन करते हुए कामवासना का त्याग करना चाहिए।
4- व्रत वाले दिन किसी भी प्रकार के गलत काम नहीं करना चाहिए।
Ambedkar Jayanti 2020 : भारत रत्न संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती विशेष5- इस दिन दिन पान खाने और दातुन करने से बचना चाहिए है।
6- किसी भी बुराई और चुगली नहीं करना चाहिए।
7- इस दिन उपावास रखने वाले जातक क्रोध न करें और न ही झूठ बोलें।
8- वरूथिनी एकादशी के दिन नमक, तेल और अन्न वर्जित है।
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