वैशाखी पूर्णिमा को सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहा जाता है। मान्यता है कि श्रीकृष्ण से उनके बचपन के सहपाठी-मित्र ब्राह्मण सुदामा जब द्वारिका मिलने पहुंचे तो Shri Krishna ने उनको सत्य विनायक व्रत Vaishakh Purnima vart का विधान बताया। इसी व्रत के प्रभाव से सुदामा की सारी दरिद्रता दूर हुई और वह सर्वसुख सम्पन्न और ऐश्वर्यशाली हो गए।
वैशाख पूर्णिमा 2021 व्रत मुहूर्त… Vaishakh Purnima shubh Muhurat
मई 25, 2021 को शाम 08:31:40 से पूर्णिमा शुरु
मई 26, 2021 को दोपहर 04:45:35 पर पूर्णिमा समाप्त
इस दिन भगवान विष्णु के Satyanarayan स्वरूप की पूजा की जाती है। इसके अलावा इस दिन धर्मराज की पूजा का भी विधान है, माना जाता है कि इस व्रत से धर्मराज प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु का भय भी जाता रहता है।
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वहीं इसके अलावा वैशाख की पूर्णिमा Vaishakh Purnima Importance को ही भगवान विष्णु का नौवां अवतार vishnu Avtar भगवान बुद्ध के रूप में हुआ था। इसी दिन भगवान बुद्ध का निर्वाण हुआ था। उनके अनुयायी इस दिवस को बहुत धूमधाम से मनाते हैं।
माना जाता है कि इस दिन अलग अलग पुण्य कर्म करने से अलग अलग फलों की प्राप्ति होती है…
: धर्मराज के निमित्त जलपूर्ण कलश और पकवान दान करने से गोदान के समान फल प्राप्त होता है।
: पांच या सात ब्राह्मणों को मीठे तिल का दान देने से सब पापों का क्षय होता है।
: यदि तिलों के जल से स्नान करके घी, चीनी और तिलों से भरा पात्र भगवान विष्णु को समर्पित करें और उन्हीं से अग्नि में आहुति दें या तिल और शहद दान करें, तिल के तेल के दीपक जलाएं, जल और तिलों का तर्पण करें अथवा गंगा आदि में स्नान करें तो व्यक्ति सब पापों से निवृत्त हो जाता है।
: इस दिन शुद्ध भूमि पर तिल फैलाकर काले मृग का चर्म बिछााएं और उसे सभी प्रकार के वस्त्रों सहित दान करें तो अनंत फल प्राप्त होता है।
: वहीं यदि इस दिन एक समय भोजन करके पूर्णिमा, चंद्रमा या सत्यनारायण का व्रत करें तो सब प्रकार के सुख, सम्पदा और श्रेय की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी कष्टों का निवारण होता है।