ऐसे में इस बार चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2021) का आरंभ मंगलवार के दिन से होने के कारण देवी मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी। इससे पहले शारदीय नवरात्रि पर भी मां घोड़े पर सवार होकर आई थीं। लेकिन ध्यान रखने वाली बात ये भी है कि देवी मां जब भी घोड़े पर आती हैं तो युद्ध की आशंका बढ़ जाती है।
ऐसे में इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत ही देवी मां के साप्ताहिक दिन मंगलवार से हो रही है, जो अत्यंत शुभ है। वहीं इस पर्व में अत्यंत खास माने जाने वाली अष्टमी भी इस बार मंगलवार को ही पड़ रही है।
दरअसल शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि का पहला दिन (navratri start 2021) बहुत महत्व रखता है। वहीं इसी दिन से हिंदुओं का नववर्ष यानि नवसंवत्सर 2078 भी शुरु होगा, जिसके राजा व मंत्री दोनों ही मंगल होंगे। जानकारों की मानें तो ऐसे में ये नवरात्रि पूरे वर्ष के लिए विशेष आशीर्वाद प्रदान करने वाली सिद्ध होगी।
जानकारों के अनुसार माता के इस बार मंगलवार को आने व मंगल का इस आने वाले नववर्ष से संबंध कई ओर महत्व दर्शा रहा है। वहीं मंगल के पराक्रम का कारक होना व देवी मां शक्ति की देवी होना भी शुभता की ओर दर्शाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि जो भी भक्त इस समय नियमानुसार देवी मां की भक्ति करेंगे, देवी मां उन्हें शक्ति प्रदान करने के साथ ही उनकी मनोकामना भी जल्द पूरी करेंगी।
चित्रा नक्षत्र से संबंध होने के कारण इस माह का नाम चैत्र है। ऐसे में इस महीने सूर्य और देवी की उपासना लाभदायक मानी जाती है। नाम, यश और पद प्रतिष्ठा के लिए सूर्य की उपासना करें। शक्ति और ऊर्जा के लिए देवी की उपासना करें। साथ ही इस महीने में लाल फलों का दान करने के अलावा नियमित रूप में पेड़-पौधों में जल डालें।
इस महीने अनाज कम खाना चाहिए, जबकि पानी अधिक पीना चाहिए। इसके अलावा फल खाने के अतिरिक्त इस महीने गुड़ नहीं खाना चाहिए। इस महीने में चना खाना बहुत अच्छा माना जाता है। साथ ही चैत्र से बासी भोजन, खाना बंद कर देना चाहिए।
नवरात्रि को ऐसे समझें:
सनातन धर्म में शक्ति की देवी माता दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। इसी के चलते साल में नवरात्रि के चार पर्व मनाए जाते हैं, इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दौरान देवी माता दुर्गा पृथ्वी पर आती हैं, और नौ दिनों तक यहीं वास करती हैं। साथ ही इस दौरान वे अपने भक्तों को कई प्रकार के विशेष आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
सनातन धर्म में शक्ति की देवी माता दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। इसी के चलते साल में नवरात्रि के चार पर्व मनाए जाते हैं, इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दौरान देवी माता दुर्गा पृथ्वी पर आती हैं, और नौ दिनों तक यहीं वास करती हैं। साथ ही इस दौरान वे अपने भक्तों को कई प्रकार के विशेष आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
नवरात्रि में विशेष रूप से मां दुर्गा के सभी 09 स्वरूपों की अलग-अगल दिन पूजा का महत्व होता है। ऐसे में इस चैत्र नवरात्रि में मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि की पूजा-अर्चना की जाएगी।
चैत्र नवरात्रि 2021 के नौ दिन : Date wise name of 9 days… 13 अप्रैल 2021- मंगलवार- नवरात्रि प्रतिपदा- मां शैलपुत्री पूजा और घटस्थापना
14 अप्रैल 2021- बुधवार- नवरात्रि द्वितीया- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
15 अप्रैल 2021- गुरुवार- नवरात्रि तृतीया- मां चंद्रघंटा पूजा
16 अप्रैल 2021- शुक्रवार- नवरात्रि चतुर्थी- मांकुष्मांडा पूजा
17 अप्रैल 2021- शनिवार- नवरात्रि पंचमी- मां स्कंदमाता पूजा
18 अप्रैल 2021- रविवार- नवरात्रि षष्ठी- मां कात्यायनी पूजा
19 अप्रैल 2021- सोमवार- नवरात्रि सप्तमी- मां कालरात्रि पूजा
20 अप्रैल 2021- मंगलवार- नवरात्रि अष्टमी- मां महागौरी
21 अप्रैल 2021- बुधवार- नवरात्रि नवमी- मां सिद्धिदात्री , रामनवमी
नवरात्रि के नियम : क्या करें, क्या न करें…
आमतौर पर उपवास करना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन नवरात्रि के नौ दिन के व्रत करने कि लिए कुछ नियम होते हैं। इसलिए सोच-समझकर ही नवरात्रि (Poojan vidhi) के व्रत रखने चाहिए। वहीं इसी दिन से हिंदुओं के नववर्ष यानि नवसंवत्सर 2078 की भी शुरुआत होगी।
आमतौर पर उपवास करना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन नवरात्रि के नौ दिन के व्रत करने कि लिए कुछ नियम होते हैं। इसलिए सोच-समझकर ही नवरात्रि (Poojan vidhi) के व्रत रखने चाहिए। वहीं इसी दिन से हिंदुओं के नववर्ष यानि नवसंवत्सर 2078 की भी शुरुआत होगी।