त्योहार

Shubh Yog: दीपावली तक 12 दिन शुभ मुहूर्त, खरीदारी और निवेश से बरसेगी लक्ष्मी जी की कृपा

Shubh Yog muhurt for shopping : इन दिनों मां दुर्गा की पूजा का उत्सव नवरात्रि चल रहा है, यह समय सभी काम के लिए शुभ माना जाता है. इसके अलावा दीपावली तक कई ऐसे शुभ संयोग बन रहे हैं, जिसमें खरीदारी और निवेश मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद मिलेगा. आइये जानते हैं कौन हैं वो शुभ संयोग..

जयपुरOct 13, 2024 / 02:37 pm

Pravin Pandey

दीपोत्सव के पूर्व ही शहर रोशनी से जगमग नजर आने लगा है। शहर की प्रमुख इमारतों पर भी आकर्षक विद्युत साज सज्जा की गई है। इस बाद दीपोत्सव छह दिवसीय रहेगा, दरअसल इस बार अमावस्या तिथि दो दिन होने से दिवाली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा

24 अक्टूबर को गुरु पुष्य योग

दीपावली की तैयारी घरों, बाजारों में शुरू हो चुकी है। यह त्योहारी सीजन होता है. लेकिन इस साल यह अवधि बेहद खास है, क्योंकि नवरात्रि के अष्टमी-नवमी से दीपावली तक खरीदारी और निवेश के कई शुभ मुहूर्त और संयोग बन रहे हैं। 24 अक्टूबर को गुरु पुष्य योग रहेगा। जिनमें प्रॉपर्टी, ज्वैलरी, गाड़ियों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान तक खरीदना शुभ होगा।
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर – जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि 11 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक तिथि, वार और नक्षत्रों से मिलकर सर्वार्थसिद्धि, राजयोग, अमृतसिद्धि और रवियोग बन रहे हैं। इन शुभ संयोगों से सुख और समृद्धि बढ़ेगी। विशेष योग संयोग में गहने, नई प्रॉपर्टी की खरीद या फ्लैट बुक कराना फायदेमंद रहेगा। साथ ही इस दिन नए कामों की शुरुआत करना भी सफलतादायक रहेगा।
साथ ही 24 अक्टूबर को गुरु पुष्य योग है। इसमें खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है। गाड़ी, स्वर्ण, चांदी, वस्त्रत्त्, बर्तन की खरीदारी शुभ रहेगा। वहीं, गुरु पुष्य योग को आभूषण, गाड़ी, भूमि, भवन, गृह सामग्री फ्रिज, टीवी आदि खरीदना शुभ साबित होगी। अपने पसंदीदा सामान की इस दौरान खरीदारी कर घरों में खुशियां ला सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को अतिशुभ माना जाता है। दीपावली से 7 दिन पहले 24 अक्तूबर को गुरुवार के दिन यह नक्षत्र रहेगा। जब भी गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र होता है तो इसे गुरु पुष्य की संज्ञा दी जाती है। इस दिन सोना-चांदी और अचल संपत्ति खरीदने से बहुत लाभ मिलता है। माना जाता है कि, इस नक्षत्र में आप जो भी चीज खरीदते हैं वो बरकत देती है। उससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पारिवारिक जीवन सुखमय बना रहता है।

24 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र

सुबह 11:45 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन 25 अक्टूबर को दिन में लगभग 12:31 मिनट तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र शनि प्रधान है, लेकिन इसकी प्रकृति गुरु जैसी होती है। इस दिन स्वर्ण आभूषण, हीरा, देव प्रतिमा, भूमि-भवन, वाहन, फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन खरीदना चाहिए।
इसलिए आप गुरुवार 24 अक्टूबर को सुबह 11:45 से खरीदारी शुरू कर सकते हैं और अगले दिन भी दोपहर तक खरीदारी करना शुभ माना जाएगा। हालांकि अगर आप जमीन या किसी भी तरह की अचल संपत्ति खरीदना चाहते हैं तो, उसके लिए गुरुवार का दिन ही ज्यादा शुभ माना जाएगा।

पुष्य नक्षत्र में इनकी खरीदी से स्थायी लाभ

अचल संपत्ति : मकान, प्लॉट, फ्लैट, कृषि भूमि और व्यावसायिक संपत्ति।

चल संपत्ति: आभूषणों में सोना, चांदी, हीरा, प्लेटिनम के आभूषण। ऑटोमोबाइल (चार पहिया वाहन, दोपहिया वाहन), इलेक्ट्रिक दोपहिया-चार पहिया वाहन। इलेक्ट्राॅनिक सामान में फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप, माइक्रोवेव ओवन आदि।
आइए भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्श्लेषक डॉ. अनीष व्यास से जानते हैं दीपावली तक कब कौन से योग बन रहे हैंशुभ मुहूर्त

11 अक्टूबर: सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग

12 अक्टूबर: विजया दशमी
15 अक्टूबर: सर्वार्थ सिद्धि एवं सूर्य योग

16 अक्टूबर: रवि योग

17 अक्टूबर: सर्वार्थ सिद्धि योग

18 अक्टूबर: सर्वार्थ सिद्धि योग

21 अक्टूबर: सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग
22 अक्टूबर: त्रिपुष्कर योग

24 अक्टूबर: सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग व गुरु पुष्य योग 29 अक्टूबर: त्रिपुष्कर योग

30 अक्टूबर: सर्वार्थ सिद्धि योग

2 नवंबर: त्रिपुष्कर योग धनतेरस

धनतेरस का महत्व (Dhanteras Ka Mahatv)

इसके अलावा इसी अवधि में धनतेरस भी है, जिसे धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती भी कहते हैं, यह पांच दिवसीय दीपोत्सव का पहला दिन होता है। धनतेरस के दिन से दीपावली का त्योहार प्रारंभ हो जाता है।
मान्यता है इस तिथि पर आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रगट हो हुए थे। इसी कारण से हर वर्ष धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा निभाई जाती है। कहा जाता है जो भी व्यक्ति धनतेरस के दिन सोने-चांदी, बर्तन, जमीन-जायदाद की शुभ खरीदारी करता है उसमें तेरह गुना की बढ़ोत्तरी होती है।
चिकित्सक अमृतधारी भगवान धन्वन्तरि की पूजा करेंगे। इसी दिन से देवता यमराज के लिए दीपदान से दीप जलाने की शुरुआत होगी और पांच दिनों तक जलाए जाएंगे। इस दिन खरीदे गए सोने या चांदी के धातुमय पात्र अक्षय सुख देते हैं। लोग नए बर्तन या दूसरे नए सामान खरीदेंगे।
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ: 29 अक्टूबर 2024 दोपहर 10:32 बजे से

त्रयोदशी तिथि समाप्त: 30 अक्टूबर 2024 दोपहर 01:16 बजे तक

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