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Sawan Purnima : श्रावणी पूर्णिमा पर ऐसे करें महादेव का षोडशोपचार पूजन, सारी मनोकामना हो जायेगी पूरी

shodashopchar puja vidhi : से पूजन करने पर भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होकर भक्त की सभी मनोकामना पूरी कर देते हैं। इस साल 2019 में श्रावणी पूर्णिमा का पर्व 15 अगस्त दिन गुरुवार को है। जानें कैसे करें भगवान शिव का षोडशोपचार पूजन।

Aug 13, 2019 / 12:22 pm

Shyam

श्रावणी पूर्णिमा पर ऐसे करें महादेव का षोडशोपचार पूजन, सारी मनोकामना हो जायेगी पूरी

सावन मास की श्रावणी पूर्णिमा के दिन विधि पूर्वक भगवान आशुतोष शिव शंकर महादेव का रुद्राभिषेक करने के इस सोलह प्रकार की (षोडशोपचार) ( shodashopchar puja ) पूजन करने से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होकर भक्त की सभी मनोकामना पूरी कर देते हैं। इस साल 2019 में श्रावणी पूर्णिमा का पर्व 15 अगस्त दिन गुरुवार को है। जानें कैसे करें भगवान शिव का षोडशोपचार पूजन।

 

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1- ध्यान- आवाहन– मन्त्रों और भाव द्वारा भगवान आशुतोष का ध्यान किया जाता है।

2- आवाहन- आवाहन का अर्थ है पास लाना। ईष्ट देवता महादेव को अपने सम्मुख या पास लाने के लिए आवाहन किया जाता है। निवेदन किया जाता है कि वह हमारे ईष्ट देवता की मूर्ति में वास करें, ताकि हम उनका आदरपूर्वक सत्कार करें।

3- आसन- आसन के रूप में अक्षत या पुष्प अर्पित करते हुए शिवजी से आदर पूर्वक प्रार्थना करे की वो आसन पे विराज मान होवे।

4- पाद्य– पाद्यं, के रूप में भगवान शिवजी के हाथ पावं धुलाने के भाव से जल अर्पित करें।

5- अर्घ्य– थोड़े से जल से भगवान महादेव के प्रकट होने पर उनको अर्घ्य अर्पित करें।

6- आचमन– आचमन यानी मन, कर्म और वचन से हम सदैव पवित्र रहे इसी भाव से भगवान महादेव के प्रतिक को आचमन करावें।

7- स्नान– भगवान शिव शंकर को पहले पंचामृत स्नान स्नान करावें एवं बाद में शुद्धजल, (गंगाजल) से स्नान करावें। स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े से साफ करें।

8- वस्त्र– भगवान महादेव को स्नान के बाद नवीन वस्त्र या प्रतिक रूप कलावा चढ़ाये।

 

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9- यज्ञोपवीत– यज्ञोपवीत (जनेऊ) जोड़ा भगवान भोलेबाबा को समर्पित करें।

10- गंधाक्षत– शिवजी को अक्षत (चावल) हल्दी, सुंगंधित चन्दन, अबीर, गुलाल अर्पित करें।

11- पुष्प– फूल माला (जिस ईश्वर का पूजन हो रहा है उसके पसंद के फूल और उसकी माला )

12- धूप–दीप- सुंगंधित धूपबत्ती एवं घ्रत के दीप का दर्शन भगवान को करावें।

13- नैवेद्य– भगवान शिवजी को मावे-मिठाई का भोग लगावें।

14- ताम्बूल, दक्षिणा, जल-आरती– भगवान महादेव को पान, सुपारी, लौंग और इलायची अर्पित करें।

15- दक्षिणा- अपनी कमाई का कुछ अंश समाज के श्रेष्ठ कार्यों में लगाते रहने के भाव से कुछ द्रव्य भगवान आशुतोष को अर्पित करें।

16- मंत्र पुष्पांजलि– मंत्र पुष्पांजली के रूप में सुंगंधित पुष्प इस भाव से महादेव को अर्पित करें कि- पुष्पों की सुगंध की तरह हमारे अच्छे शुभ कर्मों का यश चारों दिशाओं में फैलेते रहे।

 

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– उपरोक्त सोलह प्रकार विधि से भगवान शिवजी का पूजन करने के बाद महादेव की श्रद्धापूर्वक आरती एक, तीन, पांच या सात बत्तियों वाले दीपक से करें।

– आरती के बाद भगवान की प्रदक्षिणा- नमस्कार, स्तुति-प्रदक्षिणा एवं परिक्रमा भी करें।

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