शनि जंयती 3 जून को ऐसे करें शनिदेव का पूजन
न्याय के देवता शनिदेव की पूजा भी अन्य देवी-देवताओं की पूजा-पाठ की तरह ही सामान्य होती है। इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर शौचादि से निवृत होकर किसी पवित्र नदी या अपने घर पर गंगाजल मिले जल से स्नान करना चाहिए। अब पूजा के लिए लकड़ी के एक पाट पर काला वस्त्र बिछाकर उस पर शनिदेव की प्रतिमा, फोटो, एक काला पत्थर या फिर एक पूजा सुपारी स्थापित कर उसके दोनों तरफ एक शुद्ध घी का एवं एक सरसों के तेल का दीपक जलाकर चंदन की सुंगंधित धूप भी जलाएं। शनिदेवता के इस प्रतीक स्वरूप का पंचगव्य, पंचामृत, इत्र आदि से स्नान करें।
अपने घर पर शनि देव का शनिवार को अभिषेक करने से तुरंत होती है मनोकामना पूरी
स्नान के बाद अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम व काजल लगाकर नीले या काले फूल अर्पित करें। इमरती एवं तेल में तली वस्तुओं का नैवेद्य के रूप में भोग लगायें, नारियल व ऋतुफल भी अर्पित करें। उपरोक्त विधि से पूजन करने के बाद श्री शनि मंत्र का जप रुद्राक्ष या लाल चंदन की माला से 1008 या 108 बार जप भी करें। मंत्र जप पूरा होने के बाद श्री शनि चालीसा का पाठ एवं शनि महाराज की आरती भी श्रद्धा पूर्वक करें।
शनि जंयती के दिन इनका विशेष ध्यान रखें
1- इस दिन शनि देव का पूजन करने से पूर्व शरीर पर तेल से मालिश कर स्नान करना चाहिये।
2- इस दिन शनि मंदिर के अलावा हनुमान जी के दर्शन भी करना चाहिये।
3- इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन विशेष रूप से करना चाहिये।
4- इस दिन अगर संभव हो तो कहीं बाहर की यात्रा न करें।
5- किसी जरूरतमंद गरीब व्यक्ति को तेल में तले खाद्य पदार्थों का दान जरूर करें।