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sawan month : अर्धनारी नटेश्वर स्तोत्र के पाठ से ही आनंदमय हो जायेगी भक्त की जिंदगी

sawan month – read ardhanari nateshwar path – devotee’s life will become joyful : अगर आप आनंद दायक जीवन जीना चाहते हैं तो, सावन मास में भगवान अर्धनारी नटेश्वर की इस कामना पूर्ति स्तुति का पाठ जरूर करें। इसके पाठ से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती है।

Jul 19, 2019 / 05:04 pm

Shyam

sawan month : अर्धनारी नटेश्वर स्तोत्र के पाठ से ही आनंदमय हो जायेगी भक्त की जिंदगी

सावन का महीना चल रहा है और इसमें भक्त शिव-शक्ति दोनों की ही आराधना में लीन रहते हैं। शक्ति के बिना शिव ‘शव’ है, शिव और शक्ति एक-दूसरे से उसी प्रकार अभिन्न है जिस प्रकार सूर्य और उसका प्रकाश, अग्नि और उसका ताप तथा दूध और उसकी सफेदी। अगर आप आनंद दायक जीवन जीना चाहते हैं तो, सावन मास में भगवान अर्धनारी नटेश्वर ( ardhanari nateshwar path ) की इस कामना पूर्ति स्तुति का पाठ जरूर करें। इसके पाठ से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती है।

 

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शिव महापुराण में उल्लेख आता है कि-

।। शंकर: पुरुषा: सर्वे स्त्रिय: सर्वा महेश्वरी।।
अर्थात्– समस्त पुरुष भगवान सदाशिव के अंश और समस्त स्त्रियां भगवती शिवा की अंशभूता हैं, उन्हीं भगवान अर्धनारीश्वर से यह सम्पूर्ण चराचर जगत् व्याप्त है।

 

।। अथ अर्धनारी नटेश्वर स्तोत्र ।।

1- चाम्पेयगौरार्धशरीरकायै कर्पूरगौरार्धशरीरकाय।
धम्मिल्लकायै च जटाधराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।

2- कस्तूरिकाकुंकुमचर्चितायै चितारज:पुंजविचर्चिताय।
कृतस्मरायै विकृतस्मराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।

3- चलत्क्वणत्कंकणनूपुरायै पादाब्जराजत्फणीनूपुराय।
हेमांगदायै भुजगांगदाय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।

4- विशालनीलोत्पललोचनायै विकासिपंकेरुहलोचनाय।
समेक्षणायै विषमेक्षणाय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।

 

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5- मन्दारमालाकलितालकायै कपालमालांकितकन्धराय।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।

6- अम्भोधरश्यामलकुन्तलायै तडित्प्रभाताम्रजटाधराय।
निरीश्वरायै निखिलेश्वराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।

7- प्रपंचसृष्ट्युन्मुखलास्यकायै समस्तसंहारकताण्डवाय।
जगज्जनन्यैजगदेकपित्रे नम: शिवायै च नम: शिवाय।।

8- प्रदीप्तरत्नोज्ज्वलकुण्डलायै स्फुरन्महापन्नगभूषणाय।
शिवान्वितायै च शिवान्विताय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।

 

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अर्धनारीनटेश्वर स्तुति का फल

एतत् पठेदष्टकमिष्टदं यो भक्त्या स मान्यो भुवि दीर्घजीवी।
प्राप्नोति सौभाग्यमनन्तकालं भूयात् सदा तस्य समस्तसिद्धि:।।

अर्थात- आठ श्लोकों का यह स्तोत्र अभीष्ट सिद्धि करने वाला है। जो व्यक्ति भक्तिपूर्वक इस स्त्रोत का पाठ करता है, वह समस्त संसार में सम्मानित होता है और दीर्घजीवी बनता है, वह अनन्त काल के लिए सौभाग्य व समस्त सिद्धियों को प्राप्त करता है।

।। इति आदिशंकराचार्य विरचित अर्धनारीनटेश्वरस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ।।

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