त्योहार

नागपंचमी 2018: इस राज्य में मनाई जाती है गुड़ीया पीटने की अनोखी परंपरा, जानिए क्या है इसका कारण

नागपंचमी 2018: इस राज्य में मनाई जाती है गुड़ीया पीटने की अनोखी परंपरा, जानिए क्या है इसका कारण

Aug 14, 2018 / 03:52 pm

Tanvi

नागपंचमी 2018: इस राज्य में मनाई जाती है गुड़ीया पीटने की अनोखी परंपरा, जानिए क्या है इसका कारण

भारत में श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्यौहार 15 अगस्त 2018 को मनाया जाएगा। नागपंचमी पर सांपों की पूजा करने और उन्हें दूध पिलाने परंपरा हैं। इस दिन लोग नाग देवता की पूजा के साथ शिव जी की भी पूजा करते हैं। साथ ही सभी अपने घर के दरवाज़े पर गोबर की सर्पाकृति बनाते हैं। यह पर्व हिंदुओं के प्रमुख पर्वों में से एक है लेकिन एक स्थान ऐसा भी है जहां इसे मनाने का ढंग बिल्कुल ही अनोखा है। इस दिन उत्तरप्रदेश में एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। यह पौराणिक परंपरा कई वर्षों से चली आ रही हैं। वहां इस दिन गुड़िया को पीटने की अनूठी परंपरा निभाई जाती है। इस सबंध में इसके पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। आइए जानते हैं इस अनोखी परंपरा के पीछे क्या कारण है।

परंपरा से प्रचलित कथा के अनुसार ये है कारण

इस संबंध में प्रचलित कथा के अनुसार तक्षक नाग के काटने से राजा परीक्षित की मौत हो गई थी। कुछ समय बाद तक्षक की चौथी पीढ़ी की बेटी की शादी राजा परीक्षित की चौथी पीढ़ी में हुई। जब वह शादी करके ससुराल में आई तो उसने यह राज एक सेविका को बता दिया और उससे कहा कि वह यह बात किसी से न कहें, लेकिन सेविका से रहा नहीं गया और उसने यह बात किसी दूसरी महिला को बता दी। इस तरह बात फैलते-फैलते पूरे नगर में फैल गई। इस बात से तक्षक के राजा को क्रोध आ गया और क्रोधित होकर उसने नगर की सभी लड़कियों को चौराहे पर इकट्ठा होने का आदेश देकर कोड़ों से पिटवाकर मरवा दिया। तभी से उत्तरप्रदेश में यह परंपरा मनाई जा रही है।

naag panchami

गुड़िया पीटने की परंपरा से प्रचलित एक ओर कथा

एक अन्य कहानी के अनुसार एक लड़की का भाई भगवान भोलेनाथ का परम भक्त था और वह प्रतिदिन मंदिर जाता था। उस मंदिर में उसे हर रोज ‘नाग’ देवता के दर्शन होते थे। वह लड़का हर दिन नाग देवता को दूध पिलाने लगा और धीरे-धीर दोनों में प्रेम हो गया। नाग देवता को उस लड़के से इतना प्रेम हो गया कि वो उसे देखते ही अपनी मणि छोड़ उसके पैरों में लिपट जाता था। इसी तरह एक दिन श्रावण के महीने में दोनों भाई-बहन एकसाथ मंदिर गए। मंदिर में जाते ही ‘नाग’ देवता लड़के को देखते ही उसके पैरों से लिपट गया और बहन ने जब यह नजारा देखा तो उसके मन में भय उत्पन्न हुआ। उसे लगा कि नाग उसके भाई को काट रहा है। तब लड़की ने भाई की जान बचाने के लिए नाग को पीट-पीटकर मार डाला। इसके बाद जब भाई ने पूरी कहानी बहन को सुनाई तो वह रोने लगी। फिर वहां उपस्थित लोगों ने कहा कि ‘नाग’ देवता का रूप होते हैं इसीलिए तुम्हें दंड तो मिलेगा, चूंकि यह पाप अनजाने में हुआ है इसलिए कालांतर में लड़की की जगह गुड़िया को पीटा जाएगा। इस तरह गुड़िया पीटने की परंपरा शुरू हुई।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Festivals / नागपंचमी 2018: इस राज्य में मनाई जाती है गुड़ीया पीटने की अनोखी परंपरा, जानिए क्या है इसका कारण

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.