1- महाशिवरात्रि के दिन किसी बड़े पात्र में धातु से बने शिवलिंग या मिट्टी से बने शिवलिंग की स्थापना करें। शिम मंदिरों में भी जाकर पूजा करनी चाहिए। इस चार पहर की शिव पूजा करनी चाहिए।
2- शिव पूजा में सबसे पहले मिट्टी के पात्र में पानी भरकर, ऊपर से बेलपत्र, धतूरे के पुष्प, चावल आदि एक साथ डालकर शिवलिंग पर चढ़ायें।
3- महाशिवरात्रि के दिन व रात में शिवपुराण का पाठ करना या सुनना चाहिए परम फलदायी होता है।
4- सूर्योदय से पहले ही उत्तर-पूर्व दिशा में पूजन-आरती की तैयारी कर लेनी चाहिए।
5- पूजा में सरलता से जो भी सामग्री मिल जाए उसी से पूजा की जाती है।
6- कोई सामग्री उपलब्ध न होने पर केवल शुद्ध ताजा जल शिवजी को अर्पित करने पर प्रसन्न हो जाते हैं ।
7- शास्त्रों के अनुसार, शिव को महादेव इसलिए कहा गया है कि वे देवता, दैत्य, मनुष्य, नाग, किन्नर, गंधर्व पशु-पक्षी व समस्त वनस्पति जगत के भी स्वामी है।
8- शिव का एक अर्थ कल्याणकारी भी है, शिव की अराधना से संपूर्ण सृष्टि में अनुशासन, समन्वय और प्रेम भक्ति का संचार होने लगता है।
9- शिव और शक्ति का सम्मिलित स्वरूप हमारी संस्कृति के विभिन्न आयामों का प्रदर्शक है। हिन्दू धर्म में अधिकांश पर्व-त्यौहार शिव-पार्वती को समर्पित है।
10- शिव’ शब्द का अर्थ है ‘कल्याण करने वाला । शिव ही ब्रह्मा हैं, ब्रह्मा ही शिव हैं।
11- इस दिन व्रत-उपवास रखकर बेलपत्र-जल से शिव की पूजा-अर्चना करके जौ, तिल, खीर और बेलपत्र का हवन करने से समस्त मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
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