वह निडर था, गुलाम बनाए लोगों को छुड़ाकर उनका विवाह भी कराता था। एक बार उसने सुंदरी और मुंदरी नाम की दो लड़कियों को आजाद कराया और जंगल में आग जलाकर उनका विवाह कराया। दोनों ने कन्यादान भी कराया और शगुन के रूप में शक्कर दी। मान्यता है कि इसी की याद में लोहड़ी मनाते हैं। यह पर्व नव वधुओं के लिए बहुत खास होता है। पहली लोहड़ी पर बुजुर्ग उन्हें बधाई और आशीर्वाद देते हैं।
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लोहड़ी पर गाया जाने वाला लोकगीतः लोहड़ी पर यह लोकगीत गाया जाता है।
सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन बेचारा हो
दुल्ला भट्टी वाला हो, दुल्ले ने धी ब्याही हो
सेर शक्कर पाई हो कुड़ी दा लाल पटाका हो
कुड़ी दा सालू फाटा हो, सालू कौन समेटे हो
चाचा चूरी कुट्टी हो जमींदारा लुट्टी हो
जमींदार सुधाए हो बड़े पोले आए हो
इक पोला रह गया हो सिपाही फड़ के लै गया हो
सिपाही ने मारी ईंट भावें रो भावें पिट
सानूं दे दो लोहड़ी जीवे तेरी जोड़ी
साडे पैरां हेठ रोड़ सानूं छेती छेती तोर
साडे पैरां हेठ दही, असीं मिलना वी नई
साडे पैरां हेठ परात सानूं उत्तों पै गई रात
दे माई लोहड़ी जीवे तेरी जोड़ी।।
Lohari 2023 Date: लोहड़ी त्योहार मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति 2023( Makar Sankranti 2023) 15 जनवरी को मनाई जाएगी, इस तरह लोहड़ी त्योहार इस साल 14 जनवरी शनिवार को मनाया जाएगा। कुछ लोग 13 जनवरी को भी यह मना सकते हैं। लोहड़ी का समय रात 8.57 PM है।