करवा चौथ व्रत विधि
महिलाएं करवा चौथ का व्रत निर्जला रखती है, सूर्योदय से रात को चांद दिखने तक कुछ भी खाती-पीती नहीं। सूर्यास्त के बाद सुहागिन महिलाएं विशेष रूप से करवा माता की पूजा अर्चना करने के बाद आकाश में चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही अपने पति के हाथ से पानी पीकर इस व्रत तोड़ती है।
करवा चौथ पर यह जरूर करें
इस व्रत को करने वाली महिलाओं, कुवांरी लड़कियों को दिन भर खुश रहना चाहिए, साथ ही पति भी इस बात का ध्यान रखे की जो पत्नी आपकी लंबी आयु की कामना से निर्जला उपवास रख रही हैं उसे हर संभव खुश रखें। इस दिन महिलाएं घर की बड़ी अपनी सास, ननंद या अन्य बड़ी महिलाओं को सुहाग की सामग्री भेंट भी करती है।
करवा चौथ
1- इस दिन किसी भी स्थिति में सफेद चीजों को दान में देने से बचना चाहिए।
2- महिलाएं अच्छा श्रृंगार करें।
3- नुकिली चीजों का उपयोग करने से बचें।
4- भूख लगने पर व्रत को दोष कभी ना दें।
5- यदि निर्जला व्रत ना हो सकें, तो महिलाएं एक समय केवल कुछ फलाहार या दूध आदि पीकर भी व्रत रख सकती है।
करवा चौथ पूजन समय
1- कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि दिन गुरुवार को सूर्योदय के साथ ही प्रारंभ हो जाएगी।
2- पूजन का समय- शाम 5 बजकर 27 मिनट से लेकर रात्रि को चांद के दर्शन होने तक करवा माता करवा चौथ का पूजन करें।
3- पूजा में प्रज्वलित किए दीपक को चांद निकलने तक प्रज्वलित ही रखें।
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