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kalahasti 25 जून : मिलेगा मनचाहा वरदान, ऐसे करें बाबा भैरव को प्रसन्न

kalahasti के दिन भैरव बाबा इस विशेष पूजन से भर देते हैं धन का भंडार

Jun 24, 2019 / 04:44 pm

Shyam

kalahasti 25 जून : मिलेगा मनचाहा वरदान, ऐसे करें बाबा भैरव को प्रसन्न

आषाड़ मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी ( kalahasti ) मनाई जाती है, जो 25 जून दिन मंगलवार को है। इस दिन भगवान शिव के बाबा कालभैरव स्वरूप का विशेष पूजन करने का विधान है। कालाष्टमी को भैरवाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन कालभैरव की पूजा के अलावा मां दुर्गा की पूजा और व्रत करने का भी विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन बाबा कालभैरव का इस विधान से पूजन अर्चन किया जाएं तो पूजा करने वाले को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है।

शिव से काल भैरव की उत्पत्ति

शास्त्रों में कथा आती है कि एक बार प्रजापिता ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु में भयंकर विवाद हो गया, इन दोनों देवों के विवाद के कारण भगवान शिव शंकर अत्यधिक क्रोधित हो गये। जब महादेव क्रोधित हुये तो उनके क्रोध से एक अद्भुत शक्ति का जन्म हुआ जिसे कालभैरव कहा गया। जिस दिन बाबा काल भैरव उत्पन्न हुये उस दिन कृष्णपक्ष की कालाष्टमी तिथि थी। शास्त्रों के अनुसार इस दिन पूरे श्रृद्धाभाव से पूजन और व्रत करने से इंसान के जीवन में हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है।

 

kalahasti puja vidhi

ऐसे करें पूजन

नारद पुराण में कहा गया है कि कालाष्टमी के दिन काल भैरव और मां दुर्गा की पूजा करने वाले के जीवन के सभी कष्ट दूर होकर, सभी मनोकामना पूरी हो जाती है। अगर इस दिन देवी महाकाली की विधिवत पूजा व मंत्रों का जप अर्ध रात्रि में किया जाये तो सारी इच्छाएं पूरी हो जाती है। पूजा करने से पूर्व रात्रि में मां पार्वती एवं भगवान शिवजी की कथा पढ़ना या सुनना चाहिए। इस दिन व्रती को फलाहार ही रहना चाहिए एवं काल भैरव की सवारी कुत्ते को कुछ न कुछ जरूर खिलाना चाहिए।

 

kalahasti puja vidhi

इस चीज का भोग लगायें बाबा काल भैरव को

कालाष्टी के दिन बाबा काल भैरव की कृपा पाने के लिए उनको पंच मेवा अर्थात 5 प्रकार के मिष्ठान्न का भोग पान या पीपल के पत्ते पर लगावें। बाद में उसी भोग को किसी कुत्ते को खिला दें। ऐसा करने से बाबा काल भैरव प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देते हैं।

 

इस मंत्र का करें जप

कालाष्टमी के दिन इस भैरव मंत्र का जप 108 बार जरूर करना चाहिए- शिवपुराण में दिये इस मंत्र का श्रद्धा पूर्वक जप करने से अनेक मनोकामना पूरी हो जाती है।

मंत्र-

।। ऊँ अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्।
भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि ।।

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