त्योहार

हरतालिका तीज 1 सितंबर : व्रत पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त

Hartalika Teej 2019 : इस साल 2019 में ग्रह गोचर के तिथि अनुसार, तृतीया तिथि को लेकर दो पंचाग गणनाओं का अलग-अलग मत होने के कारण हरतालिका तीज दो दिन मनाने को लेकर कुछ मदभेद भी है। जानें सटीक शुभ मुहूर्त एवं पर्व पूजा विधि।

Aug 31, 2019 / 11:18 am

Shyam

हरतालिका तीज 1 सितंबर : व्रत पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त

Hartalika Teej 2019 : महिलाओं का मुख्य त्यौहार माने जाने वाला हरतालिका तीज का पर्व के शुक्लपक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है। यह पर्व गणेश चतुर्थी के ठीक एक दिन पहले तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल 2019 में ग्रह गोचर के तिथि अनुसार, तृतीया तिथि को लेकर दो पंचाग गणनाओं का अलग-अलग मत होने के कारण हरतालिका तीज दो दिन मनाने को लेकर कुछ मदभेद भी है। जानें सटीक शुभ मुहूर्त एवं पर्व पूजा विधि।

 

केवल 10 दिन सुबह-शाम कर लें यह काम, बुद्धि, धन, यश, मान-सम्मान, सुख मिलेगा भरपूर

 

शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पं. प्रह्लाद कुमार पंड्या के अनुसार रविवार 1 सितंबर 2019 को सुबह 8 बजकर 28 के बाद तृतीया तिथि लगेगी, जो अगले दिन सोमवार 2 सितंबर को सुबह 8 बजकर 58 तक रहेगी। लेकिन सोमवार को तृतीया तिथि केवल 2 घंटे 45 मिनट तक ही रहेगी और इसके ठीक 9 बजे से चतुर्थी तिथि लग जाएगी। इसी दिन यानी 2 सितंबर सोमवार को ही श्रीगणेश चतुर्थी एवं गणेश मूर्ति की अस्थाई स्थापना भी होगी। इसलिए प्रथम पंचाग मतानुसार 1 सितंबर दिन रविवार को ही हरतालिका तीज मनाया जाना उचित रहेगा।

 

गणेश चतुर्थी : इस स्तुति को भोजपत्र पर लिखकर योग्य वेदपाठी ब्राह्मण को दान करने से इच्छित मनोकामना हो जाती है पूरी

हरतालिका तीज पर्व

कजरी तीज और करवा चौथ की तरह ही हरतालिका तीज का पर्व भी सुहागिनों का मुख्य व्रत माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन कर सदा सुहागन रहने का वरदान मांगती है। महिलाएं हरतालिका तीज के दिन निराहार और निर्जला व्रत रखती है। मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए किया था, कहा जाता है कि माता पार्वती की तरह अच्छे गुणवान वर जीवन साथी की प्राप्ति होती है। इसलिए अनेक कुंवारी कन्याएं भी हरतालिका तीज का व्रत रखती है।

 

गणेश चतुर्थी : गणेश जी की यह स्तुति है अद्भुत, गणनायक गजानन प्रसन्न होकर करते हैं सिद्ध सब काम

 

हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि

– हरतालिका तीज प्रदोषकाल में किया जाता है। सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त को प्रदोषकाल कहा जाता है। यह दिन और रात के मिलन का समय होता है।
– हरतालिका पूजन के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू रेत व काली मिट्टी की प्रतिमा हाथों से बनाएं।
– पूजा स्थल को फूलों से सजाकर एक चौकी रखें और उस चौकी पर केले के पत्ते रखकर भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
– इसके बाद देवताओं का आह्वान करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का षोडशोपचार पूजन करें।
– सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी वस्तु रखकर माता पार्वती को चढ़ाना इस व्रत की मुख्य परंपरा है। इसमें शिव जी को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है। यह सुहाग सामग्री सास के चरण स्पर्श करने के बाद ब्राह्मणी और ब्राह्मण को दान देना चाहिए।
– इस प्रकार पूजन के बाद कथा सुनें और रात्रि जागरण करें। आरती के बाद सुबह माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं व ककड़ी-हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें।

*******************

Hindi News / Astrology and Spirituality / Festivals / हरतालिका तीज 1 सितंबर : व्रत पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.