गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja)
हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है, मान्यता है कि इसकी शुरुआत द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के समय हुई। इसके बाद से यह त्योहार देशभर में मनाया जाने लगा। यह त्योहार दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। इस त्योहार में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाते हैं, गाय और कृष्ण भगवान की पूजा करते हैं। इस त्योहार को अन्नकूट नाम से भी जानते हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि इस दिन गेहूं, चावल, अनाज ,बेसन से बनी कढ़ी और पत्ते वाली सब्जियों से बने भोजन पकाये जाते हैं और भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाया जाता है। महाराष्ट्र में यह दिन बलि प्रतिपदा या बलि पड़वा के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने वामन अवतार में दैत्य राज बलि से दान में मिले तीन पग भूमि में से दो पग में पूरी सृष्टि नाप ली और तीसरे पग के बदले उसने अपनी शीश भगवान के सामने रख दिया।
यह भी पढ़ेः दो विशेष शुभ योग में होगी गोवर्धन पूजा, जानिए मुहूर्त और पूजा विधि इससे प्रसन्न होकर भगवान ने उसे वरदान भी दिए। इसी घटना की याद में आज बलि प्रतिपदा मनाते हैं। लेकिन आपको पता है कि गोवर्धन पूजा के पारंपरिक उपाय से जीवन की परेशानियां दूर हो जाती हैं , मान्यता है कि इन उपायों से भगवान की कृपा आसानी से मिलती है …
1. तुलसी की पूजा करें
तुलसी भगवान विष्णु को सबसे प्रिय हैं। मान्यता है कि इस दिन गोवर्धन पूजा के दिन तुलसी को जल अर्पित करने और सुबह अनटोके घी का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है। साथ ही पैसों की तंगी से छुटकारा भी मिलता है।2. श्री कृष्ण की पूजा करें
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस दिन उन्हें अन्नकूट भोग लगाएं। मान्यता है कि इससे सभी परेशानियां दूर होती हैं। यह भी पढ़ेः नवंबर में इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पढ़िए 30 दिन का हाल3.हरी सब्जी का दान
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर हरी सब्जी का दान करना चाहिए। साथ ही इस समय विष्णुजी का मंत्र ऊँ नमो भगवते नारायणाय का 108 बार जपना चाहिए। मान्यता है कि इस उपाय से बच्चों की उन्नति होती है।4. गाय की पूजा करें
गोवर्धन पूजा के दिन गाय को स्नान कराकर माथे पर रोली से तिलक करने का विधान है। इसके अलावा अपने हाथों से गाय को चारा भी खिलाना चाहिए। इसके बाद गौ माता की 11 बार पारिक्रमा कर, उनके पैर भी स्पर्श करने चाहिए। इसके बाद हाथ जोड़कर पूरे पारिवार की खुशहाली की कामना करनी चाहिए। मान्यता है कि इससे भगवान प्रसन्न होते हैं। डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।