जिसके बाद 10वें दिन यानि अनंत चतुर्दशी को श्री गणेश की मूर्ति को वापस स्वच्छ बहते जल में विसर्जीत करने का विधान है। ऐसे में इस वर्ष शुक्रवार,सितंबर 10, 2021 यानि भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन को श्री गणेश चतुर्थी पर्व मनाया जाएगा। वहीं इस बार इस दिन चित्रा नक्षत्र के साथ ही ब्रह्म योग भी रहेगा।
ऐसे में इस बार एक खास बात ये है कि गणेश चतुर्थी के दौरान 10.49 घंटे तक भद्रा भी रहेगी। लेकिन इसके बावजूद इस दौरान गणेश स्थापना का दौर जारी रहेगा।
इस संबंध में पंडित एसके पांडे का कहना है कि 10 सितंबर 2021 को 11:08 AM से 09:57 PM तक भद्रा पाताल लोक की रहेगी, ऐसे में यूं तो शुभ कार्यों के मामले में भद्रा को अशुभ माना जाता है, लेकिन श्री गणेश की स्थापना पर इसका कोई असर इसलिए नहीं होगा क्योंकि गणेश स्वयं विघ्नविनाशक भी हैं, अत: गणेश स्थापना पर भद्रा का कोई भी असर नहीं होगा।
दरअसल चतुर्थी तिथि की शुरुआत गुरुवार,सितंबर 09, 2021 को रात के 12:18 से होगी, वहीं इसकी समाप्ति शुक्रवार,सितंबर10,2021 की रात 09:57 बजे होगी।
इसके अलावा श्री गणेश जी की स्थापना इस बार चित्रा नक्षत्र के ब्रह्म योग में होगी वहीं चित्रा नक्षत्र दोपहर 12:58 मिनट तक रहेगा।
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जिसके पश्चात स्वाती नक्षत्र लग जाएगा। इस दिन रवि योग सुबह 6:01 मिनट से लेकर दोपहर 12:58 मिनट तक रहेगा। जो सुख-समृद्धि और सौभाग्य देने वाला रहेगा।
गणपति स्थापना के मुख्य मुहूर्त-
इसके अलावा गणपति स्थापना के अन्य खास मुहूर्त इस प्रकार हैं। जिसके तहत सुबह 06:58 से सुबह 08:28 मिनट तक अमृत काल रहेगा। वहीं सुबह 11:30 से दोपहर 12:20 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इसके अलावा दोपहर 01:59 से 02:49 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा। वहीं शाम 05:55 से 06:19 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त रहेगा।
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:- दोपहर में गणेश पूजा मुहूर्त- 11:03 AM से 01:32 PM बजे तक रहेगा।
Ganpati Sthapana Muhurta 2021 : श्रीगणेशजी की स्थापना के शुभ मुहूर्त-: 07.46 AM से 09.17 AM तक (लाभ)
: 09.18 AM से 10.49 AM तक (अमृत)
: 12.21 PM से 01.53 PM तक (शुभ)
: 04.57 PM से 06.29 PM तक (चर)
: 09.25 PM से 10.53 PM तक (लाभ)
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गणपति की मूर्ति स्थापित करने की विधि
पंडित एसके पांडे के अनुसार गणपति की स्थापना करते समय सर्वप्रथम चौकी पर गंगा जल छिड़ककर इसे शुद्ध करें। इसके उपरांत चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर अक्षत रखें। फिर इस चौकी पर विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें।
तत्पश्चात गंगाजल से भगवान को स्नान कराएं। अब मूर्ति के दाईं और बाईं ओर एक-एक सुपारी रिद्धि सिद्धि के रूप में रखें। और फिर एक कलश श्री गणेश के दाईं ओर स्थापित करें, इस कलश पर जटा वाला एक नारियल रखें। इसके बाद धूप दीप कर विधि विधान से भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना करें।
श्री गणेश की पूजा विधि
भगवान श्री गणेश की पूजा के लिए भक्तों को सूर्योदय के पहले स्नानादि नित्य कर्मों से निवृत होकर साफ़,स्वच्छ या नए कपड़े धारण करने चाहिए। इसके बाद गणेश के सामने बैठकर पूजा शुरु करें। यहां पहले श्री गणेश का गंगा जल से अभिषेक करें। इसके बाद श्री गणेश को अक्षत, फूल, दूर्वा आदि चढ़ाएं।
इस दौरान उनके प्रिय मोदक का भोग अवश्य लगाएं। फिर धूप, दीप और अगरबत्ती जलाकर विधि विधान से उनकी आरती करें। इसके पश्चात श्री गणेश के मंत्रों का जाप करना चाहिए। और एक बार फिर पुनः आरती कर पूजा पूर्ण करें।