Ganesh Chaturthi 2019 : श्रीगणेश स्थापना का सटीक शुभ मुहूर्त एवं वैदिक शास्त्रोंक्त पूजा विधि
गणेश जी की विशेष उत्तर पूजा- गणेश चतुर्थी 2019
1- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः धूपं आघ्रापयामि
2- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः दीपं दर्शयामि
3- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः नैवेद्यं निवेदयामि
4- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः फलमं समर्पयामि
5- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः ताम्बूलं समर्पयामि
6- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः मंगल आरतीं समर्पयामि
7- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः कर्पूर नीराजनं समर्पयामि
8- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पुष्पांजलिः समर्पयामि
उपरोक्त विधि विधान से पूजन संपन्न होन के बाद इस मंत्र का 108 बार जप मोती या तुलसी की माला से करें। जप करते समय श्री मंगल मूर्ति गणराज गणपति के अपनी इच्छित मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना भी करते रहे।
मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा।
मंत्र जप पूर्ण होने के बाद 11 बत्ति्यों वाले दीपक से श्री गणेश जी की महाआरती करें।
।। श्री गणेश जी की आरती ।।
जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पारवती,पिता महादेवा।।
एक दन्त दयावंत,चार भुजा धारी।
मस्तक पर सिन्दूर सोहे,मूसे की सवारी।।
जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा।।
अंधन को आँख देत,कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत,निर्धन को माया।।
जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा।।
हार चढ़े,फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे,संत करें सेवा।।
जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा।।
दीनन की लाज राखो,शम्भु सुतवारी।
कामना को पूरा करो जग बलिहारी।।
जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा।।
*****
आरती समाप्त होने के बाद इस मंत्र का उच्चारण करते हुए क्षमा प्रार्थना एवं विसर्जन करें।
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनं।।
पूजाविधिं न जानामि क्षमस्व पुरुषोत्तम।।
क्षमापनं समर्पयामि।।
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पुनरागमनाय च।।
।। इति समाप्त ।।