ऐसे में इस माह में पड़ने वाले प्रदोष व शिवरात्रि का महत्व अन्य माह की अपेक्षा तो अधिक होता ही है, वहीं चूंकि सप्ताह का सोमवार भी भगवान शिव का ही दिन कहलाता है।
ऐसे में इस माह के सोमवार भी भगवान शिव की आराधना के लिए अति विशेष माने जाते हैं। ऐसे में आज दिनांक 26 जुलाई को साल 2021 में सावन का पहला सोमवार पड़ रहा है।
एक ओर जहां पूरे साल सोमवार के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष माने जाते हैं। वहीं भगवान शिव के प्रिय मास सावन में आने वाले सोमवार भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अति विशेष माने गए हैं।
पंडित एसके पांडे के अनुसार दरअसल भगवान शिव को अत्यंत भोला हैं, और किसी भक्त द्वारा किए गए छोटे से उचित कार्य पर तक वह प्रसन्न हो जाते हैं। यहां तक की एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बहेलिये द्वारा गलती से शिवलिंग पर विल्ब पत्र गिर जाने से तक भगवान शंकर प्रसन्न हो गए थे।
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सावन सोमवार का महत्व:पं. पांडे के मुताबिक सावन मास में प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व है। सावन में साल के हिसाब से सोमवार की संख्या बड़ती व घटती रहती है, जिसके कारण कभी यह चार तो कभी पांच हो जाते हैं।
सावन के पहले सोमवार को महामायाधारी भगवान शिव की आराधना की जाती है। पूजा क्रिया के बाद शिव भक्तों को ‘ऊं लक्ष्मी प्रदाय ह्री ऋण मोचने श्री देहि-देहि शिवाय नम: का मंत्र 11 माला जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से लक्ष्मी की प्राप्ति, व्यापार में वृद्धि और ऋण से मुक्ति मिलती है। ऐसे में इस बार 26 जुलाई 2021 को भी जानकारों के अनुसार भक्तों को महामायाधारी की पूजा करनी चाहिए।
: तीसरा सावन सोमवार व्रत- 9 अगस्त 2021: – सावन की तृतीय सोमवार को अर्द्धनारीश्वर शिव का पूजन किया जाता है।
: चौथा सावन सोमवार व्रत-16 अगस्त 2021: – सावन के चौथे सोमवार को तंत्रेश्वर शिव की विशेष पूजा की जाती है।
स्कंदपुराण के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन सोमवार के दिन एक समय भोजन करने का प्रण लेना चाहिए। इस दिन भगवान शंकर के साथ पार्वती जी की भी पुष्प, धूप, दीप और जल से पूजा करनी चाहिए।
1. सावन सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जाग जाना चाहिए। 2. इसके बाद पूरे घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। 3. पूरे घर में गंगा जल या पवित्र जल छिड़कें।
10. इस दिन शिव पूजा से पहले माता पार्वती की भी अवश्य पूजा की जानी चाहिए। ये करें: गंजा जल, दूध, शहद, घी, शर्करा व पंचामृत से बाबा भोले का अभिषेक कर वस्त्र, यज्ञो पवित्र, श्वेत और रक्त चंदन भस्म, श्वेत मदार, कनेर, बेला, गुलाब पुष्प, बिल्वपत्र, धतुरा, बेल फल, भांग आदि चढ़ायें। उसके बाद घी का दीप उत्तर दिशा में जलाएं। पूजा करने के बाद आरती कर क्षमार्चन करें।
वहीं कुछ जानकारों के अनुसार यदि तमाम कोशिशों के बावजूद किस्मत आपका साथ नहीं दे रही है, तो ऐसे में सावन के सोमवार के दिन एक खास उपाय आपको भगवान शिव से भाग्य का वरदान दिलाने में मदद कर सकता है।
: जबकि दूसरे सोमवार को भक्त शिवलिंग पर सफेद तिल अर्पित करने चाहिए।
: इसके बाद आने वाले सावन के तीसरे सोमवार को भक्त को महादेव को खड़ी मूंग चढ़ानी चाहिए।
: वहीं चौथे सोमवार के दिन भक्त को एक मुट्ठी जौ भोलेनाथ को समर्पित करनी चाहिए।
: वहीं यदि किसी सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं तो भक्त को पांचवें सोमवार के दिन भगवान शिव को जौ और चने का सत्तू चढ़ाना चाहिए।