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First Sawan somvar 2021: जानें सावन के पहले सोमवार को शिव पूजा का विधान

सावन में सोमवार का है विशेष महत्व…

Jul 26, 2021 / 01:42 am

दीपेश तिवारी

sawan 2021 monday

sawan 2021 1st monday

हिंदू कैलेंडर में साल का पांचवां माह सावन का आता है। वर्षाकाल में पड़ने वाले चातुर्मास में सावन एक प्रमुख माह है। यह भगवान शिव का प्रिय माह है, जिस कारण इसे शिव उपासना के लिए सर्वोत्तम माना गया है।

ऐसे में इस माह में पड़ने वाले प्रदोष व शिवरात्रि का महत्व अन्य माह की अपेक्षा तो अधिक होता ही है, वहीं चूंकि सप्ताह का सोमवार भी भगवान शिव का ही दिन कहलाता है।

ऐसे में इस माह के सोमवार भी भगवान शिव की आराधना के लिए अति विशेष माने जाते हैं। ऐसे में आज दिनांक 26 जुलाई को साल 2021 में सावन का पहला सोमवार पड़ रहा है।

एक ओर जहां पूरे साल सोमवार के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष माने जाते हैं। वहीं भगवान शिव के प्रिय मास सावन में आने वाले सोमवार भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अति विशेष माने गए हैं।

पंडित एसके पांडे के अनुसार दरअसल भगवान शिव को अत्यंत भोला हैं, और किसी भक्त द्वारा किए गए छोटे से उचित कार्य पर तक वह प्रसन्न हो जाते हैं। यहां तक की एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बहेलिये द्वारा गलती से शिवलिंग पर विल्ब पत्र गिर जाने से तक भगवान शंकर प्रसन्न हो गए थे।

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1st shivling of world
सावन सोमवार का महत्व:
पं. पांडे के मुताबिक सावन मास में प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व है। सावन में साल के हिसाब से सोमवार की संख्या बड़ती व घटती रहती है, जिसके कारण कभी यह चार तो कभी पांच हो जाते हैं।
ऐसे में सभी सोमवार की पूजा के लिए मंत्र भी अलग-अलग हैं। मान्यता है कि नियमपूर्वक पूजा करने से भगवान शंकर की कृपा हमेशा भक्तों पर बनी रहती है। ऐसे में इस बार भी सावन में चार सोमवार ही पड़ रहे हैं।
1. पहला सावन सोमवार व्रत- 26 जुलाई 2021 : पहले सोमवार को महामायाधारी की पूजा: –
सावन के पहले सोमवार को महामायाधारी भगवान शिव की आराधना की जाती है। पूजा क्रिया के बाद शिव भक्तों को ‘ऊं लक्ष्मी प्रदाय ह्री ऋण मोचने श्री देहि-देहि शिवाय नम: का मंत्र 11 माला जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से लक्ष्मी की प्राप्ति, व्यापार में वृद्धि और ऋण से मुक्ति मिलती है। ऐसे में इस बार 26 जुलाई 2021 को भी जानकारों के अनुसार भक्तों को महामायाधारी की पूजा करनी चाहिए।
: दूसरा सावन सोमवार व्रत- 2 अगस्त 2021: – वहीं सावन के दूसरे सोमवार को महाकालेश्वर शिव की विशेष पूजा करने का विधान है।
: तीसरा सावन सोमवार व्रत- 9 अगस्त 2021: – सावन की तृतीय सोमवार को अर्द्धनारीश्वर शिव का पूजन किया जाता है।
: चौथा सावन सोमवार व्रत-16 अगस्त 2021: – सावन के चौथे सोमवार को तंत्रेश्वर शिव की विशेष पूजा की जाती है।
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सावन सोमवार व्रत विधि
स्कंदपुराण के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन सोमवार के दिन एक समय भोजन करने का प्रण लेना चाहिए। इस दिन भगवान शंकर के साथ पार्वती जी की भी पुष्प, धूप, दीप और जल से पूजा करनी चाहिए।
इसके बाद भोलेनाथ जी को तरह-तरह के नैवेद्य अर्पित करने चाहिए जैसे दूध, जल, कंद मूल आदि। इसके अलावा सावन के हर सोमवार को भगवान शिव को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए।

सावन में रात्रि के समय जमीन पर सोना चाहिए। इस तरह से सावन के प्रथम सोमवार से शुरु करके कुल नौ या सोलह सोमवार इस व्रत का पालन करना चाहिए। नौवें या सोलहवें सोमवार को व्रत का उद्यापन करना चाहिए। अगर नौ या सोलह सोमवार व्रत करना संभव ना हों, तो केवल सावन के चार सोमवार भी व्रत किए जा सकते हैं।
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पंडित केबी शक्टा के अनुसार सावन सोमवार व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है। शिव पूजा के बाद सोमवार व्रत की कथा सुननी आवश्यक है।
सावन सोमवार: पूजन विधि…
1. सावन सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जाग जाना चाहिए।

2. इसके बाद पूरे घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।

3. पूरे घर में गंगा जल या पवित्र जल छिड़कें।
4. घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

5. पूरी पूजन तैयारी के बाद (‘मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमवार व्रतं करिष्ये’) मंत्र से संकल्प लें।

6. इसके बाद (‘ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्‌. पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्‌॥) मंत्र से ध्यान करें।
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7. ध्यान के बाद ‘नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय‘ से शिवजी का और ‘ॐ नमः शिवाय’ से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें।
8. पूजन के बाद व्रत कथा सुनें।

9. इसके बाद आरती कर प्रसाद बांटें।
10. इस दिन शिव पूजा से पहले माता पार्वती की भी अवश्य पूजा की जानी चाहिए।

ये करें: गंजा जल, दूध, शहद, घी, शर्करा व पंचामृत से बाबा भोले का अभिषेक कर वस्त्र, यज्ञो पवित्र, श्वेत और रक्त चंदन भस्म, श्वेत मदार, कनेर, बेला, गुलाब पुष्प, बिल्वपत्र, धतुरा, बेल फल, भांग आदि चढ़ायें। उसके बाद घी का दीप उत्तर दिशा में जलाएं। पूजा करने के बाद आरती कर क्षमार्चन करें।
भगवान शिव से भाग्य का वरदान मांगने के लिए ये करें…
वहीं कुछ जानकारों के अनुसार यदि तमाम कोशिशों के बावजूद किस्मत आपका साथ नहीं दे रही है, तो ऐसे में सावन के सोमवार के दिन एक खास उपाय आपको भगवान शिव से भाग्य का वरदान दिलाने में मदद कर सकता है।
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इसके तहत सावन के हर सोमवार को नियम के अनुसार कुछ खास करना होता है। यदि आपका भी भाग्य साथ नहीं देता है तो ऐसे में…
: सावन के पहले सोमवार को भक्त को भगवान भोलेनाथ को एक मुट्ठी कच्चा चावल चढ़ाना चाहिए।
: जबकि दूसरे सोमवार को भक्त शिवलिंग पर सफेद तिल अर्पित करने चाहिए।
: इसके बाद आने वाले सावन के तीसरे सोमवार को भक्त को महादेव को खड़ी मूंग चढ़ानी चाहिए।
: वहीं चौथे सोमवार के दिन भक्त को एक मुट्ठी जौ भोलेनाथ को समर्पित करनी चाहिए।
: वहीं यदि किसी सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं तो भक्त को पांचवें सोमवार के दिन भगवान शिव को जौ और चने का सत्तू चढ़ाना चाहिए।

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