जमात उल विदा की तारीख
ईद-उल-फितर 22 अप्रैल (शनिवार) या फिर 23 अप्रैल (रविवार) को चांद कब दिखता है उसी के अगले दिन मनाई जाएगी। यानी अगर चांद आज शुक्रवार नजर आता है, तो ईद 22 अप्रैल शनिवार को यदि चांद शनिवार को दिखाई देता है, तो ईद रविवार 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। ईद-उल-फितर का त्योहार शुरू होने से पहले जमात-उल-विदा या रमजान महीने का आखिरी जुमा अलविदा जुमा या जमातउल विदा कहलाता है। यह दिन आज ही है। यानी 21 अप्रैल 2023 को जमात-उल-विदा या अलविदा जुमा की नमाज पढ़ी गई है। जमात-उल-विदा दो शब्दों से मिलकर बना है – जुमा (सभा) और विदा (विदाई)। रमजान के दौरान मुसलमान अपना दिन प्रार्थना करने, आध्यात्मिक किताबें पढऩे, परोपकारी कार्यों को करने में बिताते हैं।
जमात-उल-विदा का महत्व
ईद-उल-फितर की तरह जमात-उल-विदा के दिन भी सुबह जल्दी उठकर मुसलमान नए कपड़े पहनते हैं। अगर नया संभव ना हो तो साफ कपड़े पहनते हैं। मस्जिद जाकर अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं। जमात-उल-विदा की अलविदा नमाज ईदगाहों, जामा मस्जिदों या स्थानीय मस्जिदों में अदा की जाती है। जमात-उल-विदा के दिन मुसलमान मस्जिदों में कुरान की तिलावत के बाद गरीबों, जरूरतमंदों को खाना खिलाते हैं, जकात-खैरात करते हैं। मुसलमानों का मानना है कि अल्लाह इस दिन उनकी सभी दुआओं को सुनता है और उन पर अपनी रहमत बरसाता है।
ऐसे मनाई जाती है ईद
ईद के दिन मुसलमान शीर खुरमा, सेवइयां, हलवा, शाही टुकड़ा सहित कई स्वादिष्ट और पारंपरिक भोजन बनाते हैं। बच्चों को उनके माता-पिता और घर के बुजुर्गों से ईदी (गिफ्ट) मिलती है। लोग एक-दूसरे को ईद मुबारक कहते हुए ईद की बधाइयां देते हैं।