धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा करने का विधान है। भगवान धनवंतरि को विष्णु देव का अवतार माना गया है। कहा जाता है कि भगवान धनवंतरि समुद्र मंथन के दौरान प्रगट हुए थे। अर्थात धनतेरस के दिन ही उनका जन्म हुआ था। यही कारण है कि धनतेरस दिन भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है।
साथ ही इस दिन गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां भी खरीदी जाती है ताकि दिवाली के दिन उनकी पूजा की जा सके। इसके अलावा धनतेरस की शाम यमराज के नाम से घर के बाहर दिए भी जलाए जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन यम के नाम से दिए निकालने से अकाल मृत्यु से बचा जा सकता है। यही कारण है कि इस दिन हर कोई यम के नाम से दिये निकालते हैं।
कब है त्रयोदशी? जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है। इस बार धनतेरस 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धनतेरस 25 अक्टूबर को शाम 4.30 बजे से 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे तक है। ऐसे में आप 25 अक्टूबर को शाम 4.30 बजे से लेकर 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे तक खरीदारी कर सकते हैं।
कुछ न कुछ जरूर करें खरीदारी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन कुछ न कुछ इंसान को जरूर खरीदना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से ईश्वर की कृपा बनी रहती है और धन की कभी कमी नहीं रहती है। यही कारण है कि यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है।