शुक्रवार की शाम खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटों का निर्जला व्रत शुरू हो गया था। इस दौरान व्रतियों रातभर जगकर छठी मइया के लिए प्रसाद तैयार किया और आज छठ घाट पर जाकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी।
रवि योग में सूर्य को अर्घ्य इस बार छठ व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य रवि योग में देंगे। इस योग का संबंध भगवान भास्कर से है। माना जाता है कि यह योग सभी बाधाओं को दूर करने वाला है।
नहाय-खाय से शुरू हुआ महापर्व चार दिनों के लोक आस्था के महापर्व नहाय-खाय से शुरू हुआ है। 31 अक्टूबर ( गुरुवार ) को नहाय-खाय था। 1 नवंबर ( शुक्रवार ) को खरना, आज यानी शनिवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और 3 नवंबर ( रविवार ) को उगते सूर्य हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और इसके साथ ही महापर्व का संपन्न हो जाएगा।
शुभ मुहूर्त अस्ताचलगामी अर्घ्य: 2 नवंबर, 5.35 बजे उदयीमान अर्घ्य: 3 नवंबर, 6.31 बजे