1- चैत्र मास- हिन्दू पंचांग (कैलेंडर) का ये पहला महीना है, चैत्र महीने के पहले दिन उत्तरी भारत, मध्य भारत में चैत्र के पहले दिन से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी होती है। वहीं महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा, तमिलनाडु में चैत्री विशु और कर्नाटका एवं आंध्रप्रदेश में उगादी जैसे त्यौहार मनाए जाते हैं।
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2- बैसाख मास- बैसाख का महीना हिन्दू पंचांग का ये दूसरा महीना है जो अप्रैल-मई में आता है। बैसाख में पंजाब राज्य में नई फसल की कटाई का पर्व बैसाखी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। बैसाख मास की पूर्णिमा को ही भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव “बुद्ध पूर्णिमा” के रूप में मनाया जाता हैं।
3- जयेष्ठ मास- हिन्दू पंचांग का ये तीसरा महीना है जो मई-जून में आता है। जयेष्ट मास की अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। इसके अलावा इसी माह में गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी व्रत, वट पूर्णिमा या वट सावित्री पर्व मनाया जाता है।
4- अषाढ़ मास- अषाढ़ का महीना हिन्दू पंचांग का चौथा महीना होता है, जो जून-जुलाई में आता है। अषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा का महापर्व मनाया जाता है और अषाड़ मास में ही देव शयनी एकादशी भी आती है।
5- श्रावण मास- श्रावण का महीना हिन्दू पंचांग का पांचवा सबसे पवित्र महीना माना जाता है, जो जुलाई-अगस्त महीने में आता है। श्रावण महिना भगवान शिव जी को समर्पित है और इसी महीने से अनेकों बड़े पर्व त्यौहार शुरू हो जाते हैं। श्रावन मास की पूर्णिमा के दिन ही रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है।
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6- भाद्रपद मास- भाद्रपद हिन्दू पंचांग का छठवां महीना है जो अगस्त-सितम्बर में आता है। इसी महीने में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव “जन्माष्टमी पर्व” मनाया जाता है। इसके अलावा हरितालिका तीज, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी, राधा अष्टमी, अनंत चतुर्दशी और पवित्र श्राद्ध पितृ पक्ष की शुरुआत भी होती है।
7- आश्विन मास- आश्विन का महीना हिन्दू पंचांग का सातवां महीना होता है, जो सितम्बर-अक्टूबर में आता है। आश्विन मास में ही शारदीय नवरात्रि, दुर्गापूजा, कोजागिरी पूर्णिमा, विजयादशमी दशहरा जैसे बड़े पर्व त्यौहार मनाए जाते हैं।
8- कार्तिक मास- कार्तिक का महीना हिन्दू पंचांग आठवां महीना होता है, जो अक्टूबर-नवंबर में आता हैं। कार्तिक मास में ही लक्ष्मी पूजा दीपावली का त्यौहार, गोबर्धन पूजा, भाई दूज, कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक जयंती एवं देव उठनी एकादशी से सभी मांगलिक शुभ कार्य आरंभ होते हैं।
9- अगहन मास- अगहन का महीना हिन्दू पंचांग का नवां महीना होता है, जो नवंबर–दिसंबर में आता है। अगहन मास में वैकुण्ठ एकादशी एवं अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है।
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10- पौष मास- हिन्दू पंचांग का दसवां महीना पौष का है, जो दिसंबर-जनवरी में आता है। पौष मास में चहु ओर अत्याधिक ठण्ड पड़ती है। इस माह संकट चौथ, लौहड़ी, पोंगल एवं मकर संक्राति आदि पर्व मनाएं जाते हैं।
11- माघ मास- माघ का महीना हिंदू पंचांग का ग्यारहवां महीना होता है, जो जनवरी-फरवरी में आता है। माघ मास में बसंत पंचमी पर्व, महाशिवरात्रि, रथ सप्तमी जैसे बड़े त्यौहार मनाएं जाते हैं।
12- फाल्गुन मास- यह हिन्दू पंचांग का बारहवां और अंतिम मास होता है जो फरवरी-मार्च में आता है। फाल्गुन मास में रंगों का सबसे बड़ा त्यौहार होली एवं शीतलाष्टमी आदि पर्व मनाएं जाते हैं।
इन बारह महीनों के अलावा एक अतिरिक्त पुरषोत्तम मास अधिक मास भी होता जिसे हिन्दू पंचाह में महत्तवपूर्ण माना जाता है।
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