वैशाख बुद्ध पूर्णिमा तिथि और पूजा शुभ मुहूर्त
– पूर्णिमा तिथि 7 मई दिन गुरुवार को ब्राह्म मुहूर्त में सूर्योदय से पूर्व ही आरंभ हो जाएगी।
अपने घर पर ही ऐसे करें बुद्ध पूर्णिमा पूजन
– सुबह गंगा में स्नान करें या फिर सादे जल में गंगाजल मिलकार स्नान करें।
– पूजा घर को फूलों और बंदवार से भी सजा सकते है।
– घर के मंदिर में भगवान विष्णु जी पूजन भगवान बुद्ध का ध्यान करते हुये करें।
– एक गाय के घी का दीपक जलायें।
– घर के मुख्य द्वार पर हल्दी, रोली या कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और गंगाजल का छिड़काव पूरे घर में भी करें।
– बोधिवृक्ष का ध्यान करते हुए घर के तुलसी पेड़ के आस-पास दीपक जलाएं और उसकी जड़ों में दूध विसर्जित कर फूल चढ़ाएं।
– अगर आपके घर में कोई पक्षी हो तो आज के दिन उन्हें आज़ाद जरूर करें।
– सूर्यास्त के बाद उगते चंद्रमा को जल अर्पित करें।
सप्ताह के सातों दिन इस समय किए गए शुभ कार्य में आती ही है बाधा, पढ़ें पूरी खबरबुद्ध पूर्णिमा का महत्व
– माना जाता है कि वैशाख की पूर्णिमा को ही भगवान विष्णु ने अपने नौवें अवतार के रूप में जन्म लिया।
– मान्यता है कि भगवान कृष्ण के बचपन के दोस्त सुदामा वैशाख पूर्णिमा के दिन ही उनसे मिलने पहुंचे थे। इसी दौरान जब दोनों दोस्त साथ बैठे तब कृष्ण ने सुदामा को सत्यविनायक व्रत का विधान बताया था। सुदामा ने इस व्रत को विधिवत किया और उनकी गरीबी नष्ट हो गई।
– इस दिन धर्मराज की पूजा करने की भी मान्यता है, कहते हैं कि सत्यविनायक व्रत से धर्मराज खुश होते हैं। माना जाता है कि धर्मराज मृत्यु के देवता हैं इसलिए उनके प्रसन्न होने से अकाल मौत का डर कम हो जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन इन कामों को भूलकर भी न करें-
– बुद्ध पूर्णिमा के दिन मांस ना खाएं।
– घर में किसी भी तरह का कलह ना करें।
– किसी को भी अपशब्द ना कहें।
– झूठ बोलने से बचें।
– सबसे प्रेम भाव रखें।
– दूसरों की सेवा सहायता करने के अवसर ढुंडे
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