भादो अमावस्या को करे यह काम
वैसे तो प्रत्येक मास की अमावस्या तिथि का अपना विशेष महत्व होता है, लेकिन भाद्रपद माह की अमावस्या का अपना अलग ही महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन धार्मिक कार्यों, श्राद्ध कर्म आदि में प्रयोग की जाने वाली कुशा घास को एकत्रित किया जाये तो वह सालभर तक पुण्य फलदायी प्रदन करने वाली सिद्ध होती है। इस दिन कुश एकत्रित करने के कारण ही इसे कुशग्रहणी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन अपने दिवंगत पितरों की आत्मा को तृप्त करने के लिए पवित्र नदियों में कुशा मिले जल से तर्पण अवश्य करें। ऐसा करने पितृ प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
गणेश चतुर्थी : गणेश जी की यह स्तुति है अद्भुत, गणनायक गजानन प्रसन्न होकर करते हैं सिद्ध सब काम
दस कुशा का महत्व
कुशा:काशा यवा दूर्वा उशीराच्छ सकुन्दका:।
गोधूमा ब्राह्मयो मौन्जा दश दर्भा: सबल्वजा:।।
मान्यता है कि इस दिन इन दस प्रकार के घास में से जो भी घास सुलभ से मिल जाए एकत्रित करके रखना चाहि। लेकिन ध्यान रखना चाहिये कि इस घास को केवल हाथ से ही पत्तियों सहित सूर्योदय के समय ही तोड़ना चाहिये। उत्तर दिशा की ओर मुख करके नीचे दिये मंत्र का उच्चारण करते हुए दाहिने हाथ से एक बार में ही कुश को निकालना चाहिये। इस कुशा को हमेशा घर में स्थापित करके पूजा करने से किसी चीज का अभाव नहीं रहता।
विरंचिना सहोत्पन्न परमेष्ठिन्निसर्गज।
नुद सर्वाणि पापानि दर्भ स्वस्तिकरो भव।।
मां दुर्गा की होती है विशेष पूजा
भादों मास की अमावस्या को पिथौरा अमावस्या भी कहा जाता है और इस दिन देवी मां दुर्गा की विशेष पूजा करने का मह्तव भी है। पौराणिक मान्यतानुसार इस दिन माता पार्वती ने इंद्राणी को इस व्रत का महत्व बताया था, इसलिए विवाहित स्त्रियां संतान प्राप्ति एवं अपनी संतान के कुशल मंगल के लिये भादो मास की अमावस्या का उपवास करती है और मां दुर्गा सहित सप्तमातृका व 64 अन्य देवियों की पूजा भी करती है।
गणेश चतुर्थी 2019 : विघ्नविनाशक, संकटमोचक श्रीगणेश का ऐसा संपूर्ण परिचय जिसे शायद ही आप जानते होंगे
धन प्राप्ति के लिए करे यह उपाय
भादो मास की अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद किसी पीपल के पेड़ के नीचे मीठे जल का अर्घ्य देने के बाद आटे के दीपक में 5 बत्ती लगाकर जलाएं। दीपक जलाने के बाद 7 या 11 परिक्रमा धन प्राप्ति की कामना से करना चाहिए।
***************