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Ashada Amavasya 2021: इस जुलाई में पड़ेंगी दो अमावस्या, जानें किस दिन क्या करना रहेगा विशेष?

शनिवार के पूरे दिन भी रहेगा अमावस्या का असर…

Jul 08, 2021 / 11:58 pm

दीपेश तिवारी

Ashada Amavasya

Ashada Amavasya 2021: हिंदू कैलेंडर में पूर्णिमा और अमावस्या दोनों ही तिथियां काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इसमें भी अमावस्या तिथि को पितृ संबंधी कार्यों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष होता है। उन्हें अमावस्या के दिन पितृदोष शांति की पूजा करनी चाहिए।

हम सभी देवों की पूजा निरंतर करते हैं। माना जाता है कि ये देव ही समस्त विश्व का कल्याण करते हैं, परंतु हमारे पितृ यदि हम पर प्रसन्न होते हैं तो वे सिर्फ और सिर्फ हमारी और हमारे परिवार की उन्नति और कल्याण करते हैं।

इस जुलाई 2021 में आषाढ़ अमावस्या तिथि शुक्रवार 9 जुलाई की सुबह 05:16:53 से प्रारंभ होकर शनिवार, 10 जुलाई की सुबह 06:46:17 तक है। ऐसे में जहां मुख्य रूप से यह अमावस्या शुक्रवार 9 जुलाई को मानी जाएगी।

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वहीं ज्योतिष के जानकार पंडित सुनील शर्मा के अनुसार यह तिथि शनिवार, 10 जुलाई को भी उदया तिथि में होने के कारण इस दिन भी यह काफी हद तक शनिश्चरी अमावस्या का प्रभाव देगी।

शुक्रवार 9 जुलाई 2021 के दिन आषाढ़ अमावस्या पर कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए विधि- विधान से भगवान शिव की पूजा- अर्चना करने के साथ ही इस दिन दूध, गंगा जल, इत्यादि से भोलेनाथ का अभिषेक करें। भोलेनाथ को भोग भी लगाएं और उनकी आरती करें। माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा- अर्चना करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है।

इसके अलावा यदि आपकी कुंडली में पितृदोष है, तो इस शुक्रवार के दिन इस अमावस्या पर आपको गीता का पाठ पितरों के निमित्त करना चाहिए। इसके अलावा आपको इस दिन एक पीपल का पेड़ लगाना चाहिए और भविष्य में इसकी देखरेख भी करनी चाहिए। ऐसा करने के संबंध में माना जाता है कि जैसे-जैसे यह वृक्ष बढ़ता है वैसे-वैसे जीवन के संकट दूर होते जाते हैं।

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वहीं दूसरी ओर जानकारों के अनुसार शुक्रवार 9 जुलाई के ठीक अगले दिन शनिवार 10 जुलाई 2021 को भी उदया तिथि में अमावस्या रहने के कारण यह पूरा दिन भी शनि अमावस्या का माना जाएगा। जानकारों का कहना है कि जब भी किसी अमावस्या की तिथि शनिवार की उदया तिथि में आती है तब उस पूरे शनिवार में शनिश्चरी अमावस्या का असर रहता है। ऐसे में इस शनिवार को जहां कुछ खास उपाय आपके जीवन में राहत ला सकते हैं। वहीं कुछ उपाय आपकी आर्थिक स्थिति में भी उत्तरोत्तर वृद्धि कर सकते हैं।

ये हैं उपाय…
1. आर्थिक वृद्धि के लिए…
यदि आपके घर में पैसों की कमी है तो आप दरिद्रता दूर करने के लिए इस शनिवार 10 जुलाई (शनिश्चरी अमावस्या) के दिन मंदिर में शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें। इसके अलावा काले तिल और काले वस्त्रों का दान करें। शाम को काले कपड़ों में कुछ सिक्के रखकर दान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी धन संबंधी समस्या का अंत हो जाता है।

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वहीं कारोबारियों और व्यापारियों के लिए व्यापार में वृद्धि के लिए शनिश्चरी अमावस्या का दिन बेहद लाभकारी माना गया है। कारोबार में उन्नति के लिए व्यापारी शनिश्चरी अमावस्या के दिन शाम को मंदिर में शनिदेव को काले तिल अर्पित करें और ‘ॐ शं शनिश्चराय नम:’ मंत्र का जाप करें।

2. जीवन में राहत के लिए…
यदि आप नौकरी के लिए परेशान हैं तो इस शनिवार यानि 10 जुलाई 2021 की शाम पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तिल के 9 दीपक प्रज्वलित करें इसके बाद पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें।

वहीं शिक्षा में सफल होने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और चींटियों को आटा खिलाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से शिक्षा में उन्नति और प्रगति प्रदान प्राप्त होने के साथ ही परीक्षा में सफलता मिलती है।

3. शनिदेव की कृपा पाने के लिए…
शनि की कृपा पाने के लिए इस दिन मजदूरों, निर्धन व्यक्तियों और बीमार लोगों की मदद करें। साथ ही इस दिन व्रत रखें या शुद्ध और सात्विक खाना ही खाएं। व्रत में दूध, फल, लस्सी आदि का सेवन कर सकते हैं।

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इसके अलावा इस दिन उड़द की दाल की खिचड़ी बनाकर शनि देव को भोग लगाने के अलावा शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखा दिया जरूर जलाएं। साथ ही पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा करें।

शनि को प्रसन्न करने के लिए काला वस्त्र, काले तिल, काली उड़द, लोहे के बर्तन, छतरी, जूते, सरसों का तेल, सरसों के तेल का बना भोजन जरूरतमंद लोगों को शाम के समय दान करें।


4. पितरों की शांति और प्रसन्नता के लिए
इस शनिवार 10 जुलाई को (शनिश्चरी अमावस्या) सुबह स्नान करके साफ वस्त्र पहनें। घर के रसोई घर को साफ कर के शुद्ध भोजन के साथ खीर अवश्य बनाएं।

इस दिन घर की दक्षिण दिशा की ओर मुंह कर के पितरों से अपनी गलती के लिए क्षमा मांगे और यह भोजन किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें। इसके अलावा गाय को हरा चारा अवश्य खिलाएं और पीपल के नीचे पितरों के नाम से भोजन रखें।

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इसके साथ ही पितरों के नाम से शाम तक दवाई, वस्त्र, भोजन का दान करें। माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पारिवारिक कलह क्लेश के अलावा व्यापार से सम्बंधित समस्याएं खत्म होती हैं।

5. कुंडली के दोष दूर करने के लिए
कुंडली में शनि को लेकर कोई दोष होने पर या फिर शनि की ढैय्या अथवा साढ़ेसाती चल रही है तो आप इस शनिवार 10 जुलाई को (शनिश्चरी अमावस्या) नवग्रह मंदिर में जाकर शनिदेव की साधना-आराधना करें। उन्हें श्रद्धाभाव से तेल, काला तिल और नीले रंग का फूल चढ़ाएं। साथ ही दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें। इसके अलावा शनिदेव के मंत्रों का जाप करें व शनिचालीसा का पाठ करें।

इस दिन उड़द की दाल की खिचड़ी बनाकर भूखे व्यक्तियों को भोजन कराएं। माना जाता है कि इस उपाय से शनिदेव प्रसन्न होंगे और आप पर उनकी कृपा बरसेगी। शनिदेव की कृपा पाने के लिए काले रंग की गाय, काले रंग का कपड़ा, छाता, लोहा, जूता, कंबल आदि का दान करना श्रेयस्कर माना जाता है।

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