इन पर्वों के कारण अप्रैल रहेगा खास
अप्रैल महीने की शुरुआत एकादशी तिथि से हो रही है और चैत्र शुक्ल की इस एकादशी को कामदा एकादशी भी कहा जाता है। इसके बाद अप्रैल महीने में हिंदु धर्म का पर्व अक्षय तृतीया, जैन धर्म का प्रमुख पर्व महावीर जयंती, मुस्लिम धर्म का प्रमुख त्योहार ईद उल फितर, सिक्खों का पर्व बैसाखी और ईसाईयों का पर्व गुड फ्राइडे मनाया जाएगा। इस तरह यह महीना भारत के सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए उत्सव का महीना रहेगा।
यहां देखें पूरी लिस्ट, कब मनाया जाएगा कौन सा त्योहार
कामदा एकादशी – 1 अप्रैल
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन कामदा एकादशी का व्रत किया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और लंबी तपस्या करने के बराबर पुण्य मिलता है।
अनंत त्रयोदशी सोम प्रदोष- 3 अप्रैल
हर माह की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। अप्रैल में यह तिथि 3 अप्रैल को पड़ रही है। इस बार प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है, इसीलिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। और इस बार यह सोमवार को ही पड़ रहा है, इसीलिए इस बार इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।
महावीर जयंती- 4 अप्रैल
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तेरस को जैन धर्म के तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती मनाई जाती है। इस बार यह पर्व 4 अप्रैल को पड़ रहा है। आपको बता दें कि महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर हैं।
हनुमान जयंती- 6 अप्रैल
हनुमान जयंती हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस साल हनुमानजी की जयंती 6 अप्रैल को पड़ रही है।
गुड फ्राइ डे – 7 अप्रैल
गुड फ्राइडे को होली फ्राइ डे, ब्लैक फ्राइ डे या ग्रेट फ्राइ डे भी कहा जाता है। यह ईसाई धर्म के लोगों का प्रमुख त्योहार है। इस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। इसलिए यह पर्व ईसाई धर्म के लोगों के लिए खासा महत्व रखता है।
ईस्टर- 9 अप्रैल
गुड फ्राइ डे के बाद 9 अप्रैल को ईस्टर मनाया जाएगा। माना जाता है कि सूली पर चढ़ाए जाने के बाद ईसा मसीह का फिर से जन्म हुआ था। उनके पुनर्जन्म के कारण ही ईस्टर डे मनाए जाने की परम्परा शुरू हुई।
बैसाखी पर्व – 14 अप्रैल
बैसाखी पंजाबी और सिक्ख समुदाय के लोगों का मुख्य पर्व है। इसे नई फसल आने के अवसर पर मनाया जाता है। इस दिन भांगड़ा किया जाता है, जगह-जगह मेले का आयोजन किया जाता है।
वरुथिनी एकादशी – 16 अप्रैल
वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में पडऩे वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी व्रत या वरुथिनी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान माना गया है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
प्रदोष व्रत – 17 अप्रैल
अप्रैल के महीने में दूसरा प्रदोष व्रत भी सोमवार को ही मनाया जाएगा।
मासिक शिवरात्रि – 18 अप्रैल
हिंदु पंचांग के मुताबिक हर माह की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भी व्रत रखने का विधान है। माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
अक्षय तृतीया – 22 अप्रैल
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है। यह हिंदुओं का प्रमुख त्योहार माना जाता है। इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस मुहूर्त के कारण इस दिन शादी, गृह प्रवेश, मुंडन, नई चीजें खरीदने का विधान माना गया है। माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदना बेहद शुभ होता है।
ईद-उल-फित्र – 22 अप्रैल
ईद-उल-फित्र मुस्लिमों का एक पवित्र और प्रमुख त्योहार है। रमजान का महीना खत्म होने के बाद अगले दिन ईद मनाई जाती है। आपको बता दें कि इस्लामिक कैलेंडर में चांद को विशेष महत्व दिया जाता है। इसलिए हर त्योहार चांद देखकर ही मनाया जाता है। ईद भी चांद देखकर ही मनाई जाती है।
गंगा जयंती – 26 अप्रैल
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को गंगा सप्तमी और गंगा जयंती के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन देवी गंगा का प्राकट्य हुआ था। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने और दान पुण्य करने का विशेष महत्व माना गया है।
जानकी जयंती – 29 अप्रैल
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को राजा जनक को भूमि से एक बालिका मिली थी। उन्होंने इस बालिका का नाम सीता रखा था। इस पर्व या माता सीता के जन्मोत्सव के इस पर्व को जानकी जयंती या सीता नवमी भी कहा जाता है।