मांगलिक कार्यों के लिए यह दिन शुभ
दशहरा या विजयादशमी यानि अश्विन मास की दशमी तिथि सर्वसिद्धिदायक तिथि मानी जाती है। इसलिए इस दिन सभी शुभ कार्य फलकारक माने जाते हैं। वहीं ज्योतिष में दशहरा के दिन बच्चों का अक्षर लेखन, घर या दुकान का निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन, यज्ञोपवीत संस्कार और भूमि पूजन आदि कार्य शुभ माने गए हैं। लेकिन ध्यान रखें विजयादशमी के दिन विवाह संस्कार को निषेध माना गया है।
दशहरा की पौराणिक कथा-
पौराणिक कथा के अनुसार, इस त्यौहार का नाम दशहरा इसलिए पड़ा क्योंकि इस दिन भगवान पुरूषोत्तम राम ने दस सिर वाले लंकापति रावण का वध किया था। तभी से दस सिरों वाले रावण के पुतले को हर साल दशहरा के दिन इस प्रतीक के रूप में जलाया जाता है ताकि हम अपने अंदर के क्रोध, लालच, भ्रम, नशा, ईर्ष्या, स्वार्थ, अन्याय, अमानवीयता एवं अहंकार को नष्ट करें। भगवान राम के रावण पर विजय प्राप्त करने के कारण ही इस दिन को विजयादशमी भी कहा जाता है।
2020 में दशहरा-
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल दशहरा या विजयादशमी का त्योहार 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशहरा हर साल दीपावली से ठीक 20 दिन पहले मनाया जाता है। हालांकि इस साल नवरात्रि की कोई तिथि गल नहीं रही है, इसके बावजूद 25 से ही दशमी लग जाने के चलते 25 को दशहरा मनाया जाएगा। जबकि यह दशमी तिथि 26 अक्टूबर सुह 9 बजे तक रहेगी।
दशहरे को 25 अक्टूबर को ही मनाए जाने के कुछ शास्त्रोक्त नियम हैं, जिनके अनुसार दशहरा पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल में मनाया जाता है। इस काल की अवधि सूर्योदय के बाद दसवें मुहूर्त से लेकर बारहवें मुहूर्त तक की होती।
: वहीं यदि दशमी दो दिन के अपराह्न काल में हो तो दशहरा त्यौहार पहले दिन मनाया जाएगा।
: यदि दशमी दोनों दिन पड़ रही है, परंतु अपराह्न काल में नहीं, उस समय में भी यह पर्व पहले दिन ही मनाया जाएगा।
: यदि दशमी दो दिन हो और केवल दूसरे ही दिन अपराह्नकाल को व्याप्त करे तो विजयादशमी दूसरे दिन मनाई जाएगी।
विजयदशमी 2020 मुहूर्त-
दशमी तिथि प्रारंभ – 25 अक्टूबर को सुबह 07:41 मिनट से
विजय मुहूर्त – 13:57:06 से 14:41:57 तक
अवधि :0 घंटे 44 मिनट
अपराह्न पूजा मुहूर्त – 13:12:15 से 15:26:49 तक
दशमी तिथि समाप्त – 26 अक्टूबर को सुबह 09:00 बजे तक रहेगी।