फतेहपुर. जनपद में एक वृक्ष अपनी विशालता और विशेषता के साथ पौराणिक महत्त्व को लेकर लोगों के बीच आकर्षण केंद्र बना हुआ है क्षेत्र के लोग जहाँ इसे गुजराती इमली कहते है वहीं इसे कल्प वृक्ष या पारिजात भी कहा जा रहा है । इस दुर्लभ और हजारो साल पुराने वृक्ष की जानकारी मिलने पर नींद से जागा वन विभाग अब इसके संरक्षण की बात कह रहा है । जिले के खागा तहसील के सरोली गांव में लगभग तीन सौ फीट ऊंचा विशालकाय वृक्ष साधारण वृक्ष नहीं है। इसे पुरानों में पारिजात कहा गया है जिसे श्रीकृष्ण ने देवराज इंद्र को पराजित कर स्वर्ग से लाये थे इस अमर वृक्ष की आयु हजारों वर्ष पुरानी बताई जारही है और इसकी छाल और फल ल्यूकोरिया सहित कई दुःसाध्य रोगों की रामबाण औषधि है । कई पीढ़ियों से इस वृक्ष को इसी रूप में देखते चले आरहे लोग इसे गुजराती इमली भी कहते हैं। वनविभाग की माने तो यह पारिजात का वृक्ष है जो सहज उपलब्ध नहीं है और इसकी प्राचीनता को देखते हुए संरक्षण किये जाने की योजना बनाई जाएगी ।