दरअसल, ये मामला फतेहपुर का है। यहां तैनात डीएम अपूर्वा दुबे की गाय के लिए सात सरकारी ड़ॉक्टरों की फौज तैयार की हुई है। डीएम अपूर्वा दुबे लंबे समय से फतेहपुर में तैनात हैं। जानकारी के अनुसार पता चला कि इनकी गाय को कुछ समस्या हुई तो हर दिन अलग अलग डॉक्टरों की ड्यूटी लगा दी गई। इसके लिए बाकयदा शासनादेश जारी हुआ। ऐसे में लोगों ने न केवल वीआईपी ड्यटी बल्कि आम लोगों की समस्याओं को नजरंदाज करने पर भी सवाल उठाए। इसमें ड़ॉ मणीष अवस्थी, डॉ भुवनेश कुमार, डॉ अनिल कुमार, डॉ अजय कुमार दुबे, डॉ शिवस्वरूप, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ अतुल कुमार और इनकी गैर हाजिरी पर डॉ सुरेश कुमार कनौजिया की ड्यूटी लगाई गई।
यह भी पढ़े – प्रयागराज हिंसा: मुख्य आरोपी जावेद के घर पहुंचे बुलडोजर, सीएम का फरमान जारी सुबह शाम जाकर करेंगे चेक जारी शासनादेश में लिखा है सभी पशु चिकित्साधिकारी डीएम महोदया का गाय को सुबह शाम देखने जाएंगे। यानि दिनभर मात्र एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार ड्यूटी बजानी पड़ेगी। वहीं, गांव वालों का कहना है कि पशु के इलाज के लिए सरकारी डॉक्टरों को बुलाने के लिए दस बार चक्कर लगाने पड़ते हैं, तब पशु देखने आते हैं। मुद्दा तो ये है कि डॉक्टर जब वीआईपी ड्यूची में लगे हैं तो आम लोगों की समस्या कैसे सुनें।
सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा लेटर जैसे ही यह आदेश जारी हुआ वैसे ही ये लेटर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। कई ने तल्ख टिप्पणी की तो किसी ने ध्वस्त चल रही व्यवस्थाओं पर प्रश्न उठाए। लोगों ने कहा विभाग जब योगी की अफसरों की नौकरी से छुट्टी पाए तो आम जनता की शिकायत सुने। इसी तरह कई यूजर्स ने कमेंट किया।