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इस घटना में प्रकाश सिंह बादल और अक्षय कुमार से हो चुकी है पूछताछ, अब राम रहीम का नम्बर

श्रीश्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में एसआईटी ने गुरुमीत राम रहीम को बताया मुख्य साजिशकर्ता, रिमांड पर लेकर की जाएगी पूछताछ

Jul 07, 2020 / 01:16 pm

Bhanu Pratap

राम रहीम

राम रहीम

फरीदकोट। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी ने पंजाब की राजनीति में भूचाल ला दिया था। पूरे पंजाब में विरोध प्रदर्शन हुए। मामले में विशेष जांच दल (Special Investigation team) ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा (Dera Sacha Sauda Sirsa) के प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को मुख्य साजिशकर्ता (Main mastermind) बताया है। गुरमीत और डेरे की राष्ट्रीय कमेटी में शामिल त्रुशोल कॉलोनी सिरसा के हर्ष धुरी, संदीप बरेटा व प्रदीप कलेर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। गुरमीत राम रहीम इस समय हरियाणा की सुनारिया जेल में बंद है। पुलिस उससे पूछताछ की तैयारी कर रही है। इस बीच फरीदकोट के डेरा प्रेमियों रणदीप सिंह उर्फ नीला, रणजीत सिंह उर्फ भोला, बलजीत सिंह व निशान सिंह को अदालत ने सोमवार को 20 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
डेरा सिरसा से मिला था निर्देश

विशेष जांच दल (Special Investigation team) के प्रमुख पुलिस उपमहानिरीक्षक रणबीर सिंह खटड़ा ने बताया कि डेरा सिरसा से मिले निर्देश पर ही श्री गुरुग्रांथ साहिब की बेअदबी की गई थी। डेरे की राष्ट्रीय कमेटी के तीनों सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए पंजाब व हरियाणा में छापेमारी की जा रही है। इन तीनों पर गुरमीत की गिरफ्तारी के बाद पंचकूला में हुई हिंसा मामले में भी गंभीर आरोप हैं। इसके बाद अब तक की गई जांच का चालान अदालत में सोमवार को पेश कर दिया गया। इसमें 11 लोग आरोपी बताए गए हैं। गुरमीत राम रहीम को भी आरोपित बनाया गया है।
क्या है घटनाक्रम

2007 के बाद मालवा क्षेत्र में डेरे का वर्चस्व तेजी से बढ़ रहा था। इसी बीच, 2015 में डेरा प्रमुख की ‘एमएसजी’ फिल्म रिलीज हुई, जिस पर कुछ सिख संगठनों के साथ डेरा प्रेमियों की तकरार हुई। इसके बाद आरोपितों ने डेरा मुख्यालय, सिरसा से मिले निर्देशों के मुताबिक बदले की भावना से एक जून 2015 को गांव बुर्ज जवाहर सिंह (फरीदकोट) के गुरुद्वारे से श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पावन स्वरूप चोरी किया और चार महीने तक छिपाकर रखा। फिर 25 सितंबर, 2015 को गांव बुर्ज जवाहर सिंह के गुरुद्वारा साहिब के बाहर पोस्टर लगाए गए जिसमें कई आपत्तिजनक और सिखों की भावनाओं को भड़काने वाले शब्द थे। इसके बाद 12 अक्टूबर, 2015 को बरगाड़ी के गुरुद्वारा साहिब के बाहर पावन ग्रंथ के अंग बिखरे हुए मिले थे। इसके बाद 14 अक्टूबर 2015 को बहिबलकलां में सिख भड़क गए थे। पुलिस फायरिंग में दो नौजवानों की मौत हो गई थी। 14 अक्टूबर 2015 को कोटकपूरा के मुख्य चौक में पुलिस के बल प्रयोग से 100 लोग घायल हुए थे।
यूं चल रही जांच

प्रमुख पुलिस उपमहानिरीक्षक रणबीर सिंह खटड़ा के नेतृत्व में बनी एसआईटी श्री गुरु ग्रंथ साहिब के चोरी होने, इसके बाद बरगाड़ी में पोस्टर लगाने और फिर पावन स्वरूप की बेअदबी करने की जांच कर रही है। तीनों मामलों में अलग-अलग केस दर्ज किए गए थे। पुलिस महानिरीक्षक कुंवर विजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक और एसआईटी बनाई गई है, जो बेअदबी के बाद बहिबलकलां व कोटकपूरा में हुए गोलीकांड की जांच कर रही है। यह एसआईटी पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उपमुख्यमंत्री व अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और अभिनेता अक्षय कुमार से भी पूछताछ कर चुकी है।
तारीखों में जानिए पूरा घटनाक्रम

1 जून 2015 : फरीदकोट के गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की चोरी

25 सितंबर 2015 : बुर्ज जवाहर सिंह के गुरुद्वारा साहिब के बाहर लगे आपत्तिजनक शब्दों वाले पोस्टर।
12 अक्टूबर 2015 : बरगाड़ी के गुरुद्वारा साहिब के बाहर पावन ग्रंथ की बेअदबी।

14 अक्टूबर 2015 : बहिबलकलां में सिख भड़के, पुलिस फायरिंग में दो नौजवानों की मौत।

14 अक्टूबर 2015 : कोटकपूरा के मुख्य चौक में पुलिस के बल प्रयोग से 100 लोग घायल।
15 अक्टूबर 2015 : मुख्यमंत्री ने SIT व न्यायिक आयोग का गठन किया।

21 अक्टूबर 2015 : बहिबल गोलीकांड के मामले में अज्ञात पुलिस पार्टी पर हत्या का केस।

15 नवंबर 2015 : राज्य सरकार ने बेअदबी मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी
30 जून 2016 : जस्टिस जोरा सिंह आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी।

14 अप्रैल 2017 : कैप्टन सरकार ने जस्टिस (रिटा.) रणजीत सिंह आयोग का गठन किया।

7 अगस्त 2018 : कोटकपुरा मुख्य चौक पर फायरिंग करने पर अज्ञात पुलिस अधिकारियों पर इरादा ए कत्ल का केस दर्ज।
16 अगस्त 2118 : जस्टिस रणजीत सिंह ने मुख्यमंत्री को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी।

27 अगस्त 2018 : जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश।

10 सितंबर 2018 : एडीजीपी प्रबोध कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन।
22 जून 2019 : बेअदबी मामले में गिरफ्तार डेरा प्रेमी महिंदरपाल बिट्टू की पटियाला की नाभा जेल में हत्या।

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