चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में जाट समुदाय के लोगों को भले ही आरक्षण प्रदान कर दिया हो लेकिन आरक्षण का लाभ तत्काल प्रभाव से मिलने में अभी भी कई तरह के पेच फंसे हुए हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री यह दावा कर चुके हैं कि विधानसभा से विधेयक पारित हो चुका है और इसे राज्यपाल को भेजा जा रहा है। राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद ही हरियाणा में लोगों को नई आरक्षण नीति का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
आरक्षण विधेयक की वास्तविक स्थिति इससे भिन्न है। हरियाणा विधानसभा में पारित किए गए विधेयक को सबसे पहले राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद हरियाणा सरकार राज्यपाल की स्वीकृति के साथ इसे लोकसभा की बिजनेस सलाहकार कमेटी के पास भेजेगी। लोकसभा में इस समय जाट जाति से संबंधित कुल 27 सांसद हैं। बहुमत के अभाव में सरकार द्वारा गठित नायडू कमेटी इसे विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने में अहम भूमिका निभाएगी।
हरियाणा के कुल दस सांसदों में भाजपा के धर्मवीर, इनेलो के दुष्यंत चौटाला तथा कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा जाट जाति से संबंधित हैं। बिजनेस सलाहकार कमेटी की मंजूरी के बाद इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा। इसके बाद यह विधेयक राज्यसभा में पारित होगा। दोनों सदनों से पास होने के बाद यह विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
विधानसभा के अधिकारिक सूत्रों की मानें तो इस पूरी प्रक्रिया में सात से आठ माह का समय लग सकता है। इसके बावजूद हरियाणा सरकार इस सारी प्रक्रिया को समानांतर चलाते हुए राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद ही जाटों को आरक्षण का लाभ देने के मूढ में है।