पिछले साल से JEE Main की Ranking में बारहवीं के अंक नहीं जोडऩे का फैसला किया गया था। सरकार ने सेंटर फॉर इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस और राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की समिति बनाई। समिति ने JEE Main के अंकों के आधार पर प्रवेश देने की सिफारिश की थी। यही प्रक्रिया इस साल भी जारी रहेगी। मालूम हो कि तीन साल पहले तक सरकारी और निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश के लिए राजस्थान प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट होता था।
फिर भी खाली रहती हैं सीट
JEE Main के प्राप्तांकों के आधार पर प्रवेश देने के बावजूद कई इंजीनियरिंग कॉलेज में सीट नहीं भर पाती हैं। साल 2016 में तो हालात सबसे खराब थे। अजमेर सहित कई इंजीनियरिंग कॉलेज में अगस्त तक विद्यार्थियों के गिनने लायक दाखिले भी नहीं हुए थे। बाद में तकनीकी शिक्षा विभाग को सीधी भर्ती के आदेश देने पड़े थे।